बॉलीवुड में जितनी भी फ़िल्में आती है उसमे से अधिकतर में अंत में यही सन्देश दिया जाता है की बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। ऐसा इसलिए की समाज और दर्शकों में एक ऐसा सन्देश जा सके की बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर हो पर अंत में जीत हमेशा सत्य और अच्छाई की ही होती है।
पर सच्चाई की इस जीत में अगर बुराई को ताकतवर न दिखाया जाए तो मजा भी नहीं आए। आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही फ़िल्में लाये है जिनमे नकारात्मक किरदारों को बेहद प्रभावशाली बनाया गया। अंत में जीत तो हीरो की ही हुई पर लोकप्रियता में नकारात्मक किरदारों ने बाजी मार ली। आप कह सकते है की इन फिल्मों में विलेन हीरो पर भारी पड़ गए !
5. करण-अर्जुन : साल 1995 में रिलीज हुई निर्देशक राकेश रोशन की फिल्म करन-अर्जुन पुनर्जनम पर आधारित फिल्म है। फिल्म में दुर्जन ठाकुर (अमरीश पुरी) विलेन के किरदार में होते हैं जो पहले करण-अर्जुन (सलमान-शाहरुख) को मरवा देता है। जिसके बाद वे फिर जन्म लेते हैं और अंत में सच्चाई की जीत होती है।
4. डर : साल 1993 में आई निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म में एक साइको आशिक की प्रेम कहानी दिखाई गई थी। जिसमें वो किरण (जूदी चावला) से प्यार करता है और जब उसकी शादी सुनील (सनी देओल) से हुई तब राहुल (शाहरुख खान) अपना आपा खो देता है।
3. संघर्ष : साल 1999 में आई निर्देशक तनुजा चंद्रा की फिल्म संघर्ष में आशुतोष राणा निगेटिव रोल में थे। उन्होंने इतना खतरनाक किरदार निभाया था कि उसे देखकर बच्चे-बच्चे डर जाते थे।
2. अग्निपथ : साल 2012 में रिलीज हुई निर्देशक करण मल्होत्रा की फिल्म अग्निपथ में संजय दत्त ने विलेन कांचा चीना का किरदार निभाया था। ऋतिक रोशन विजय के किरदार में होते हैं। फिल्म में कांचा विजय को किसी सूरत में जीने नहीं देता है लेकिन अंत में हीरो की ही जीत होती है।
1. पद्मावत : 25 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म पद्मावत मे शाहिद ने रतन सिंह रावल निभाया है जो एक अच्छा हिंदू राजपूत है और अपनी प्रजा के लिए बहुत से अच्छे काम करता है। वहीं रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी के रूप में विलेन का किरदार निभाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रणवीर फिल्म में बहुत ही क्रूर और अत्याचारी बना है।
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