इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘पठान’ का फैंस को बेसब्री से इंतज़ार है। वहीं, दूसरी ओर शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर इस फिल्म को काफी आलोचनाओ का भी सामना करना पड़ रहा है। इस फिल्म के गाने ‘बेशरम रंग’ की वजह से काफी विवाद चल रहा है। CBFC ने फिल्म के निर्माताओं को गाने के साथ-साथ फिल्म में कुछ बदलाव करने का निर्देश दिए हैं। दरअसल, ‘बेशर्म रंग’ में दीपिका ने जो भगवा बिकिनी पहनी है उससे सारी कंट्रोवर्सी शुरू हुई। लोगों का कहना हैं कि भगवा रंग का इस्तेमाल कर जान बुझ के मेकर्स ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहात की हैं।
हालांकि, दीपिका भगवा पहनने वाली पहली और न ही आखिरी एक्ट्रेस हैं और न ही ये पहली बार है जब उनकी फिल्म या गाने को रिलीज से पहले क्रिटिसिज़्म झेलना पड़ रहा हो। वहीं, ऐसी कई फिल्में हैं जिनपर सेंसर बोर्ड की कैंची अब तक चल चुकी है क्योंकि उनपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसी 5 फिल्मों के बारे में….
पद्मावत
दीपिका की बिग बजट फिल्म पद्मावत को लेकर भी काफी कंट्रोवर्सी हुई थी। इस फिल्म की रिलीज़ के दौरान डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को सेट पर थप्पड़ मारने और दीपिका को मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था। दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने उनकी प्यारी रानी की छवि को ठेस पहुंचेगी, इस डर से खूब बवाल मचाया था। इस फिल्म के 3 गानों को श्रेया घोषाल ने अपनी आवाज दी थी। लेकिन रिर्पोट्स की मानें तो उनका एक गाना सेंसर की ओर से मॉडिफिकेशन कराए जाने के बाद भी मेकर्स को हटाना पड़ गया।
गोलियों की रासलीला राम-लीला
सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म की सबसे तगड़ी USP बताए जा रहे एक सीन पर कैंची चलाने के बाद ही इसे पास किया। दरअसल, इस फिल्म के आखिर में एक ऐसा किसिंग सीन रखा था, जिसे भारतीय सिनेमा का सबसे लंबा किस बताया जा रहा था। लेकिन सेंसर बोर्ड ने इस किस सीन पर 50 प्रतिशत कैंची चलाने की शर्त भंसाली के सामने रखी। साथ ही धार्मिक भावनाएं आहत न हो इसलिए फिल्म के नाम में भी बदलाव किए गए।
काली
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर जो विवाद हुआ था वो लोगों को आज भी याद होगा। पोस्टर में देवी काली को सिगरेट पीते हुए और हाथ में LGBTQ का सतरंगी झंडा लेते दिखाया गया था। पोस्टर सामने आने के बाद इस डॉक्यूमेंट्री की फिल्ममेकर के खिलाफ एक्शन लेने की मांग भी की गई। धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाकर उनपर कई केस भी दर्ज हुए। साथ ही ये फिल्म बड़े पर्दे पर कभी रिलीज नहीं की गई, क्योंकि रिलीज़ के लिए सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।