अभिनेता जॉन अब्राहम ने सोमवार को कहा कि उनकी आने वाली फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ कोई राष्ट्रवाद का ढिंढोरा पीटने वाली फिल्म नहीं है और वह खुद भी ऐसी कट्टर देशभक्ति वाली फिल्मों से दूर रहना चाहते हैं।
रॉबी ग्रेवाल निर्देशित यह फिल्म जासूसी, रहस्य-रोमांच की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म की कहानी एक जासूस की है जो पाकिस्तान जाता है। दुश्मन देश में कैसे वो देश के लिए लड़ाई करता हुआ वतन वापस लौटता है।
जॉन अब्राहम ने कहा, ‘‘अच्छी कहानियों वाली फिल्में बननी जरूरी है। अगर कल को कोई अच्छी देशभक्ति से प्रेरित फिल्म बनती है तो मैं उसे जरूर करना चाहूंगा। लेकिन मैं कट्टर देशभक्ति वाली फिल्में नहीं करना चाहता। मैं किसी भी देश का विरोधी नहीं हूं। मैं किसी भी धर्म का विरोधी नहीं हूं।’’
पत्रकारों से जॉन अब्राहम ने कहा, ‘‘मैं धर्मनिरपेक्षता का समर्थक हूं और मैं ऐसी फिल्में बनाना चाहता हूं जो इस देश की वास्तविक प्रकृति को दिखाये।’’ अभिनेता ने कहा कि फिल्म लोगों को एक उद्देश्यपूर्ण नजरिये से देखती है और यह किसी को किसी खास धारणा के रंग में रंगती नहीं है।
जॉन अब्राहम ने कहा, ‘‘यह एक उद्देश्यपरक फिल्म हैं। फिल्म में कोई बुरा या अच्छा नहीं है। आप चीजों को कैसे देखते हैं, यह बस उसी को दिखाती है। हम लोग किसी का कोई और पक्ष या बुरा पक्ष नहीं दिखा रहे हैं।
यह एक जासूस की कहानी है जो सीमा पार चला जाता है। लेकिन इसकी कहानी ‘राजी’ या अन्य कहानियों से अलग है।’’ जॉन ने कहा, ‘‘यह कोई कट्टर देशभक्ति या झंडे को सलामी देने वाली कोई पारंपरिक फिल्म नहीं है। यह अलग तरह की फिल्म है और इसलिए हमें इस फिल्म से जुड़ने पर गर्व है।’’
आखिरी बार जॉन अब्राहन फिल्म सत्यमेव जयते में नजर आये थे जिसमे उनकी अदाकारी की काफी तारीफ हुई थी। आजकल देशभक्ति के कांसेप्ट पर कई फ़िल्में बनाने की तैयारी है और जॉन की फिल्म भी उनमे से एक है।