बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी का कहना है कि नवोदित कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले उचित प्रशिक्षण लेना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें माफी की गुंजाइश नहीं है और दूसरा मौका नहीं मिलता। एक्टर ने कहा कि किसी भी अन्य पेशे की तरह एक्टिंग में भी लगातार अपने कौशल को निखारना होता है।
बाजपेयी ने कहा, ‘मैं सबसे कहता हूं कि जितना संभव हो, आपको कार्यशालाओं में जाना चाहिए, थियेटर करना चाहिए, अभ्यास करना चाहिए। एक्टिंग करने के साथ ही दूसरों को एक्टिंग करते देखना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा नहीं है कि आप चार छह महीने या एक साल में सीख जाएंगे, यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।’
उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा पेशा है जिसमें माफी की गुंजाइश नहीं है क्योंकि इतना सब कुछ दांव पर लगा होता है कि कोई आपको दूसरा मौका नहीं देना चाहता। आपको उसमें अच्छा प्रदर्शन करना होता है जो आप करना चाहते है।”
कई वर्षों तक थियेटर से जुड़े रहने और दो दशक से भी लंबे अनुभव के बाद वाजपेयी का कहना है कि अंततः उन्हें समझ में आ गया है कि किसी चरित्र को निभाते समय उन्हें कैसा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यहां ‘रॉयल स्टैग बैरल सेलेक्ट लार्ज शॉट फिल्म्स’ द्वारा आयोजित की गई चर्चा के दौरान दिए गए साक्षात्कार में वाजपेयी ने कहा, “किरदार और फिल्म के अनुसार मैं वह रवैया अपनाता हूं जो जरूरी होता है।”