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बचपन में रंगभेद का शिकार हो चुके हैं रेमो डिसूजा, कहा – ”लोगों ने नहीं छोड़ी थी कोई कसर”

रेमो का कहना है कि जब लोगों ने उनके रंग को लेकर बातें कहीं तो, उन्होंने कभी बुरा नहीं माना बल्कि उन्हें ये बातें सुनकर और भी ज्यादा हार्ड वर्क करने का मोटिवेशन मिलता था।

बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्ममेकर रेमो डिसूजा हाल ही में अपनी बिगड़ी तबियत को लेकर चर्चा में थे। उन्हें जिम में कसरत करते हुए सीने में दर्द हुआ था। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हाल ही में एक्टर ने बताया है कि उन्हें बहुत कम उम्र में रेसिज्म का शिकार होना पड़ा था।
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मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक रेमो डिसूजा ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है कि कैसे बचपन में लोग उनके काले रंग को लेकर चिढ़ाते थे और अजीब कमेंट्स करते थे। रेमो ने बताया कि बहुत ही कम उम्र में उन्हें रेसिज्म का शिकार होना पड़ा था। लोग उनके रंग को लेकर बहुत मजाक बनाते थे। शुरुआत में उन्होंने इस चीज को नजरअंदाज किया और आगे बढ़ गए। लेकिन अब कहते हैं कि उस वक्त उन्हें रंगभेद के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी। 
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रेमो कहते हैं कि रंगभेद सिर्फ छोटे शहरों या गांवों की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की एक कड़वी सच्चाई है जिसे आपको स्वीकार करना पड़ता है। बातचीत के दौरान रेमो ने आगे कहा मैंने बचपन से अपने रंग की वजह से इस समस्या का सामना किया है। केवल भारत में ही नहीं यहां तक कि विदेश यात्राओं के दौरान भी मैंने रेसिज्म का अनुभव किया। जब मैं बड़ा हुआ तो मैं समझ गया कि इस चीज को नजरअंदाज करना गलत था। अब मैं रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सक्षम हूं। वो कहते हैं कि मेरे रंग पर उन टिप्पणियों ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की और मुझे वो बनाया जो आज मैं हूं। 
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रेमो डिसूजा ने आगे कहा, ”आखिरकार, जब मैं बड़ा हुआ तो मैं समझ गया कि यह गलत था और मैं उन्हें इन नामों से बुलाने दे रहा था जो और भी बुरा था। अब मैं इसके लिए स्टैंड लेता हूं। मुझे यह भी लगता है कि मेरे रंग पर उन टिप्पणियों ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की और मुझे वो बनाया जो आज मैं हूं। एक बात कहना चाहता हूं रेसिज्म आज भी है। अगर आप गांव और छोटे कस्बों मे जाएंगे तो आपको यह चीज जरूर देखने को मिलेगी”। 

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