फेमस कॉस्ट्यूम डिजाइनर नीता लुल्ला का नाम आपने सुना होगा। इनके डिज़ाइन किए कपड़े पहनने के लिए बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज इंतज़ार करते हैं। कई फिल्म्स में हीरो-हिरोइन के कपड़े डिज़ाइन करने का जिम्मा नीता लुल्ला को दिया जाता है। वहीं, अब नीता लुल्ला ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘लोग अपनी चिंताओं को भुलाने के लिए सिनेमाघरों में फिल्में देखने आते हैं और ग्लैमर दर्शकों को एक “सपनों की दुनिया” में ले जाने में अहम भूमिका निभाता है।’
आपको बता दें, नीता लुल्ला का लेटेस्ट काम आपको कई भाषाओं में आने वाली अपकमिंग फिल्म शाकुंतलम में देखने को मिलेगा। वहीं, नीता लुल्ला का अब कहना है कि, ‘भले ही सिनेमा बदलाव के समुद्र से गुजरा हो, लेकिन ग्लैमर कोशिएंट “कॉन्स्टेन्ट” बना हुआ है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘तब और अब जो कॉन्स्टेन्ट है, वो ये है कि सिनेमा में ग्लैमर का पहलू सबसे ज़रूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दर्शक अपनी चिंताओं और मुद्दों को भूलने के लिए फिल्म देखने जा रहे हैं और वे कुछ ऐसा देखना चाहते हैं, जो उन्हें सपनों की दुनिया में ले जाए।’ आपको बता दें, शाकुंतलम के लिए, डिजाइनर ने लीड एक्टर्स, सपोर्टिंग कास्ट और जूनियर आर्टिस्ट्स के लिए लगभग 3,000 कॉस्ट्यूम्स बनाए हैं। उन्होंने कहा, ‘शाकुंतलम की कहानी ने ही मुझे एक्साइटेड कर दिया।’ गुनशेखर के ब्रीफ पर उन्होंने कॉस्ट्यम डिजाइन किए हैं।
देशिघ्नर ने कहा, “गुनशेखर स रहर बार जब किसी सिन की समझाते थे, तो मैं उसे दवा करती थी और फिर फाइनल स्केच बनाती थी। फिर हमने सामंथा का लुक टेस्ट किया। उन्होंने मुझ पर और गुनशेखर सर पर अपना पूरा भरोसा रखा और इसे खूबसूरती से अपनाया। कई बार कॉस्ट्यूम्स काफी भारी होते थे, लेकिन वो उन्हें अच्छी तरह से अपना लेती थी।’
उनकी टीम में लगभग 20 से 25 लोग शामिल थे, जिन्होंने कास्ट के लिए एक्सेसरीज़, फूल और कपड़ों पर काम किया। उन्होंने शकुंतला के किरदार के लिए ऑर्गेनिक कॉटन का इस्तेमाल किया, और राजा दुष्यंत के लिए कांजीवरम, कलमकारी और पटोला का इस्तेमाल किया। डिजाइनर ने कहा कि 1980 के दशक से अभी तक फिल्म इंडस्ट्री बेहतर के लिए बदला है। जबकि कॉस्ट्यूम डिजाइनरों के साथ इज़्ज़त से व्यवहार किया जाता था, स्क्रिप्ट या कैरक्टर्स उनके साथ डिसकस नहीं किए जाते थे। जब मैं इंडस्ट्री में आई, तो डिजाइनरों को सम्मान न देने का युग बदल रहा था।
उन्होंने कहा, “‘जुड़वा’, ‘कुली नंबर 1’, ‘हम हैं राही प्यार के’ जैसी फिल्में, जहां वे मुझे एक दिन पहले कांसेप्ट या लुक देते थे। इसलिए, आज हम जहां आए हैं, उसमें बदलाव आया है।” आपको बता दें, आगे चलकर नीता लुल्ला ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हैं जो उन्हें चुनौती दें।