देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक दिन की राहत के बाद शुक्रवार को भी एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। चार दिनों में तीसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.01 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 97.81 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 88.27 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.07 रुपये हो गई है। गुरुवार को सीएनजी और पीएनजी के दामों में भी एक रुपए की बढ़ोतरी की गई थी।
137 दिन बाद बड़ी थी तेल की कीमतें
पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें रिकॉर्ड 137 दिन तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थी। इसके बाद 23 मार्च को भी इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थी। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।
भारत तेल पर 85 फीसदी आयात पर है निर्भर
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। ‘क्रिसिल रिसर्च’ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से पूरी तरह से पार पाने के लिए दरों में नौ से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की आवश्यकता है। भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।
महानगरों में तेल की कीमतें
137 दिन बाद बड़ी थी तेल की कीमतें
पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें रिकॉर्ड 137 दिन तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थी। इसके बाद 23 मार्च को भी इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थी। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।
भारत तेल पर 85 फीसदी आयात पर है निर्भर
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। ‘क्रिसिल रिसर्च’ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से पूरी तरह से पार पाने के लिए दरों में नौ से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की आवश्यकता है। भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।
महानगरों में तेल की कीमतें
दिल्ली 97.81 89.07
मुंबई 112.51 96.70
चेन्नई 103.67 93.71
कोलकाता 107.18 92.22