आधार संख्या जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने भारती एयरटेल को अपने मोबाइल उपभोक्ताओं का आधार आधारित सत्यापन करने की छूट कुछ और समय के लिए दे दी है। कंपनी आगामी 31 मार्च तक बायोमीटर्रक पुनर्सत्यापन के लिए दी गई है। उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण ने पिछले महीने एयरटेल को 10 जनवरी तक यह सुविधा उपयोग करने की मंजूरी दी थी। पर इसके साथ शर्त थी कि वह अपने उन ग्राहकों की एलपीजी सब्सिडी की वह राशि वापस करे जो उनकी बिना स्पष्ट सहमति के एयरटेल पेमेंट बैंक में चली गयी थी। यह राशि 138 करोड़ रुपये बनती थी।
इस घटनाक्रम से जुड़ एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एयरटेल पेमेंट बैंक के आधार से ई-केवाईसी सत्यापन करने पर प्राधिकरण की रोक फिलहाल जारी रहेगी। यह रोक अंतिम जांच पूरी हो जाने और ऑडिट रपट आ जाने तक रहेगी। इस संबंध में संपर्क किए जाने पर एयरटेल के प्रवक्ता ने बताया, हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि प्राधिकरण ने भारती एयरटेल को 31 मार्च 2018 तक आधार आधारित ई-केवाईसी सत्यापन की मंजूरी दे दी है। इसका अनुपालन प्राधिकरण द्वारा तय किए गए नियमों के आधार पर ही किया जाना है।
गौरतलब है कि एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक से आधार उपयोग की सुविधा उस वक्त छीन ली गई थी जब कंपनी ने अपने मोबाइल ग्राहकों की सहमति के बिना उनके एयरटेल पेमेंट बैंक में खाते खोल दिए थे और करोड़ रुपये की सब्सिडी कथित तौर पर इस खाते में डाल दी थी। सरकार ने इस पर त्वरित कार्वाई की और प्राधिकरण ने कंपनी के आधार आधारित ई-केवाईसी सुविधा के उपयोग पर रोक लगा दी। बाद में ग्राहकों की सुविधा और उच्चतम न्यायालय के मोबाइल सिम सत्यापन की 31 मार्च 2018 की तय सीमा को देखते हुए प्राधिकरण ने 21 दिसंबर को एयरटेल को कड़ प्रावधानों के साथ 10 जनवरी तक मोबाइल ग्राहकों का आधार सत्यापन कराने की मंजूरी प्रदान की थी। इसे आज बढ़कर 31 मार्च कर दिया गया है।
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