नई दिल्ली : छोटे तथा मंझोले शहरों को हवाई नेटवर्क में शामिल करने के उद्देश्य से सस्ते हवाई किराये वाली सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) यानी ‘उड़ान’ के दूसरे चरण के तहत करीब 300 मार्गों का आवंटन आज किया जायेगा। ‘उड़ान’-2 के तहत 502 मार्गों के लिए विमान सेवा प्रदाताओं ने बोली लगाई थी, लेकिन हवाई अड्डों की तैयारी और फंड की कमी को ध्यान में रखते हुये इस बार सभी मार्गों का आवंटन नहीं करने का फैसला किया गया है।
पहले चरण में सरकार ने उन सभी मार्गों का आवंटन कर दिया था जिनके लिए बोली लगायी गयी थी, लेकिन 10 महीने बाद उनमें से आधे मार्गों पर भी आवंटन शुरू नहीं हो पाया है। इसलिए, सरकार अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। नागर विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 300 मार्गों का आवंटन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों के स्थिति और उनके परिचालन के लिए तैयार होने में लगाने वाले समय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए पिछले सप्ताह राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक की गयी थी। इसके बाद उन हवाई अड्डों को प्राथमिकता दी गयी है जहां सेवा जल्द शुरू की जा सकती है। साथ ही दुर्गम इलाकों और हेलिकॉप्टर सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दूसरे चरण के लिए जो प्रस्ताव आये थे उनमें 49 नये हवाई अड्डों से परिचालन शुरू करने के प्रस्ताव शामिल हैं। कुल 502 रूटों के लिए 140 से ज्यादा प्रस्ताव मिले हैं। इसमें 18 ऑपरेटरों ने बोली लगाई है।
आरंभिक बोली प्रक्रिया में 20 और काउंटर बिडिंग में 16 प्रस्ताव ऐसे मिले हैं जहां ऑपरेटरों ने कोई क्षतिपूर्ति नहीं मांगी है। ‘उड़ान’ के पहले चरण की बोली प्रक्रिया वर्ष 2016 के अंत में शुरू की गयी थी और गत वर्ष मार्च में पूरी हुई। पांच एयरलाइंस को 128 रूटों का आवंटन किया गया था। योजना के तहत जिन हवाई अड्डों से परिचालन शुरू होने हैं उनमें 31 तो बिल्कुल नये हैं जहां से अब तक कोई नियमित विमान सेवा नहीं थी। इनमें 15 पर सेवा शुरू हो चुकी है। ‘उड़ान’ का उद्देश्य प्रति सप्ताह 14 से कम उड़ानों वाले छोटे तथा मंझोले शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। योजना के तहत सरकार ने दूरी के हिसाब से अधिकतम हवाई किराया तय कर दिया है जिससे ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) का सपना साकार हो सके।
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