कोरोना महामारी के चलते भारत की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। सरकार के बाजार से कर्ज जुटाने की सीमा में वृद्धि करने के बाद राजकोषीय घाटे को लेकर उठ रही चिंताओं के कारण सोमवार को अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया 19 पैसे टूट कर एक सप्ताह के निचले स्तर 75.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबारियों का कहना है कि घरेलू शेयर बाजारों की तेजी से रुपये को समर्थन मिला लेकिन निवेशक राजकोषीय घाटे को लेकर चिंतित है। एक विदेशी विश्लेषक ने सोमवार को कहा कि सरकार के द्वारा बाजार से कर्ज जुटाने की सीमा में 54 प्रतिशत की वृद्धि करने के कारण राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के बजट लक्ष्य से बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.8 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के परामर्श प्रमुख देवार्ष वकील ने कहा, ‘‘सरकार की योजना 12 हजार अरब रुपये यानी 159 अरब डॉलर कर्ज जुटाने की है। यह 2020-21 के लिये 7,800 अरब डॉलर के बजट लक्ष्य से काफी अधिक है। इससे ब्याज का बोझ बढ़ेगा और बांड की कीमतें कम होंगी।’’उन्होंने कहा कि निवेशक राजकोषीय घाटा पर इसके प्रतिकूल असर को लेकर चिंतित हैं।
अंतरबैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कुछ कमजोर होकर 75.55 प्रति डॉलर पर खुला और बाद में 19 पैसे की गिरावट के साथ 75.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शुक्रवार को रुपया 75.54 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। कारोबार के समय रुपया ऊंचे में 75.55 प्रति डॉलर और नीचे में 75.77 प्रति डॉलर के दायरे में रहा। उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 67,152 पहुंच गई जबकि इससे 2,206 लोगों की मौत हो चुकी है। वैश्विक स्तर पर इस वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 41.02 लाख को पार कर गयी है जबकि 2.8 लाख लोगों की मौत हुई है।