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कोरोना के घटते प्रभाव के बीच एक बार फिर पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था, GDP 10.50 प्रतिशत रहने का अनुमान

घरेलू रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अपने अनुमान को संशोधित कर 10-10.5 प्रतिशत कर दिया।

देश में कोरोना काल के घटते असर के साथ घरेलू रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अपने अनुमान को संशोधित कर 10-10.5 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने नौ प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
उम्मीद से ज्यादा तेजी से पुनरुद्धार की ओर इशारा कर रहे हैं
एजेंसी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के कई संकेतक आर्थिक गतिविधियों में उम्मीद से ज्यादा तेजी से पुनरुद्धार की ओर इशारा कर रहे हैं। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा, हम वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के अनुमान को पहले के नौ प्रतिशत से संशोधित कर 10-10.5 प्रतिशत कर रहे हैं।
एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत संकुचन के आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि 8.3 प्रतिशत (सालाना आधार पर) होने की उम्मीद जतायी है।
2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20.1 प्रतिशत 
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी। एजेंसी का मानना ​​​​है कि महामारी की तीसरी लहर ना आने पर आने वाले तिमाहियों में भी सुधार देखने को मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि टीकाकरण की तेज रफ्तार को देखते हुए संभावित तीसरी लहर के जोखिम का वृद्धि पर असर सीमित है। इसमें कहा गया, हालांकि कच्चे तेल, खनिज उत्पादों, कच्चे माल की बढ़ती लागत, कोयले की आपूर्ति में कमी आदि से वृद्धि की रफ्तार पर असर पड़ सकता है।

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