नेत्रहीन नहीं पहचान सकते 50 का नया नोट : उच्च न्यायालय - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

नेत्रहीन नहीं पहचान सकते 50 का नया नोट : उच्च न्यायालय

NULL

नई दिल्ली : पचास रुपये के नए नोटों को दृष्टिहीनों द्वारा दूसरे नोटों से अलग नहीं किया जा सकता है। इस बात का दावा करते हुए आज दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि पचास रुपये के नए नोटों में नेत्रहीन लोगों के लिए किसी भी प्रकार का पहचान चिहन नहीं रखी गई है, जिससे वह मूल्यवर्ग के बीच अंतर कर सकें। इस पर न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद, सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

 कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मिथल और न्यायाधीश सी हरि शंकर की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को केंद, सरकार और आरबीआई के तत्काल ध्यान में लाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह सार्वजनिक महत्व का मामला है। पीठ ने कहा कि यह मुद्दा सार्वजनिक महत्व और नेत्रहीन लोगों के अधिकारों से जुड़ हुआ है। इस पर आरबीआई और केंद सरकार के तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

न्यायालय ने सरकार और आरबीआई को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है। हालांकि पीठ ने 50 रुपये के नए नोटों के मुद्रण और वितरण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। तीन वकीलों और एक कंपनी सचिव ने याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया है कि नए पचास के नोटों में नेत्रहीनों के मूल्यवर्ग पहचानने के लिए किसी तरह की पहचान चिहन नहीं दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one + five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।