नई दिल्ली : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए सेबी केवाईसी नियमों में संशोधन कर रही है। इस बारे में जल्द ही नया सर्कुल जारी होगा। सेबी के पुराने सर्कुलर के कारण भारत से बड़ी मात्रा में पैसा बाहर जाने की संभावना थी। इस कारण सेबी ने इसमें संशोधन पर सहमत हो गई है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड स्कीम के एक्सपेंस रेश्यो पर भी फैसला हुआ है। म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो 2.2 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। इससे इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को फायदा होगा। कंपनियां म्यूचुअल फंड को मैनेज करने के लिए निवेशकों से चार्ज लेती हैं। अभी इसकी अधिकतम दर 2.5 फीसदी है।
ये चार्ज कम होने पर म्यूचुअल फंड में निवेश करना सस्ता होगा। इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड के लिए अधिकतम एक्सपेंस रेश्यो 1.25 फीसदी होगा। वहीं इक्विटी के अलावा दूसरी क्लोज एंडेड स्कीम के लिए 1 फीसदी होगा। ईटीएफ के इंडेक्स फंड के लिए अधिकतम टीईआर 1 फीसदी होगा। इसके अलावा बी-30 शहरों के लिए अतिरिक्त 0.30 फीसदी एक्सपेंस रेश्यो की अनुमति होगी। सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि खान वर्किंग ग्रुप के संशोधन प्रस्ताव पर सेबी राजी हो गई है।
सौ से अधिक बिचौलिया कंपनियां सेबी के राडार पर
त्यागी ने कहा कि म्यूचुअल फंड के एयूएम में बढ़त आई है लेकिन इसका पूरा फायदा निवेशकों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड की लागत घटाने पर बात चल रही है। उन्होंने कहा कि कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने का पहला कदम उठाया है। त्यागी ने कहा कि बाजार में ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इक्विटी डेरिवेटिव के लिए 1 अक्टूबर की तारीख से ट्रेडिंग का समय बढ़ाने का प्रस्ताव था। बोर्ड ने इस पर कोई चर्चा नहीं की।