नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने कोयले की आपूर्ति से जुड़े ठेके में कथित अनियमितता के मामले में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के पूर्व चेयरमैन और पूर्व प्रबंध निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन को आयातित कोयले की आपूर्ति के ठेके से जुड़ा है।
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। साल 2010 में आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन ने किसी भी बंदरगाह से डॉक्टर नरला टाटा राव थर्मल पावर स्टेशन , विजयवाड़ा और रायलसीमा थर्मल पावर संयंत्र , कडपा को 6 लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी। यह बंदरगाह से अंतिम स्टेशन तक कोयला पहुंचाने का ठेका था।
CBI has registered case against Adani Enterprises Ltd, Virender Singh, the then chairman, National Cooperative Consumer Federation, GP Gupta, then MD, NCCF, SC Singhal, then senior advisor, NCCF & others for criminal conspiracy, cheating and criminal misconduct by public servants pic.twitter.com/dKH8Fm5euj
— ANI (@ANI) January 16, 2020
अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि उस समय एनसीसीएफ के चेयरमैन रहे विरेंदर सिंह और तत्कालीन प्रबंध निदेशक जी . पी . गुप्ता ने यह ठेका देने में अडाणी एंटरप्राइजेज का अनुचित तरीके से पक्ष लिया। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने सिंह और गुप्ता के साथ साथ एनसीसीएफ के तत्कालीन वरिष्ठ सलाहकार एस . सी . सिंघल और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड तथा अन्य अज्ञात अधिकारियों का नाम भी संदिग्ध के तौर पर दर्ज किया है।