वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर पर कोरोना वायरस का बड़ा असर, लग सकती है 250 अरब डॉलर की चपत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर पर कोरोना वायरस का बड़ा असर, लग सकती है 250 अरब डॉलर की चपत

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के फैलने से वैश्विक वृद्धि पर 0.3 प्रतिशत यानी 250 अरब डॉलर तक का असर पड़ सकता है

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के फैलने से वैश्विक वृद्धि पर 0.3 प्रतिशत यानी 250 अरब डॉलर तक का असर पड़ सकता है। 
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति के बाधित होने से न केवल चीन का निर्यात प्रभावित होगा बल्कि आयातक देशों के निर्यात भी प्रभावित होंगे। इसका कारण कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं का बड़ा हिस्सा चीन से आयात होता है और उससे अंतिम वस्तु तैयार कर दूसरे देशों को निर्यात किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस समय हमें घरेलू खपत मांग और क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि वैश्विक व्यापार पर कोरोना वायरस के संभावित प्रभाव को कम किया जा सके। अग्रवाल ने कहा कि औषधि, सौर ऊर्जा और लोहा तथा इस्पात क्षेत्रों को कोरोना वायरस के कारण चीन से कच्चे माल के आयात को लेकर बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चीन वैश्विक व्यापार में बड़ा देश है और वस्तुओं के कुल वैश्विक निर्यात में उसका योगदान करीब 13 प्रतिशत है। 
मुख्य रूप से अमेरिका, हांगकांग, जापान, कोरिया, वियतनाम, जर्मनी, भारत, नीदरजैंड समेत अन्य देशों को निर्यात किया जाता है। वैश्विक व्यापार पर प्रभाव पड़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि संभावना कमजोर होगी।  
अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के लगातार फैलने से वैश्विक वृद्धि में 0.3 प्रतिशत का असर पड़ सकता है। यह 250 अरब डॉलर से अधिक बैठता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत को खोयी हुई बाजार हिस्सेदारी फिर से प्राप्त करने के लिये अपनी आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करनी चाहिए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।