नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कॉरपोरेट कर की दरें कम करने के बाद भारत बेहद प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बन गया है। इस कटौती के बाद देश में कर की दरें चीन और अधिकांश दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तुलना में नीचे आ गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भारत कई कारणों से निवेश के मामले में पीछे रह जाता था। इनमें सबसे बड़ी वजह थी कंपनियों पर लगने वाले कर की ऊंची दर।
उन्होंने कहा कि इसे कम करने से देश में उद्योग लगाना विदेशी निवेशकों के लिये आकर्षक बन गया है जिनमें आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि निवेश गंतव्य के तौर पर भारत को जिन वजहों से खारिज किया जाता था, अब वह अन्य की तुलना में बेहतर है। कोई ऐसा निवेशक जो नया निवेश करना चाहता हो, कोई भी देश 15 प्रतिशत की दर से कर की पेशकश नहीं कर रहा है। हम 15 प्रतिशत की दर की पेशकश कर रहे हैं और इसके साथ न्यूनतम वैकल्पिक कर भी नहीं है तथा कराधान की संरचना सामान्य है।
सीतारमण ने विशेषज्ञों के हवाला देते हुये कहा कि भारत अब कर की दर, पारदर्शिता और कर प्रशासन के मामले में चीन से काफी बेहतर है, अत: अब कंपनियां भारत में नयी इकाइयां लगाने पर गौर कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि एप्पल और उसकी पूरी पारिस्थितिकी का यहां आने से व्यापक असर पड़ेगा। जो कोई भी यहां आएगा उसे अब सीधे तौर पर 15 प्रतिशत की कर दर का फायदा मिलेगा। चीन में एप्पल के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां वहां के 25 प्रतिशत की तुलना में यहां के 15 प्रतिशत को देखते हुए भारत में इकाई लगाने को अधिक आकर्षक पाएंगे।
सीतारमण ने कहा कि एप्पल अथवा कोई भी विदेशी कंपनी यहां आ सकती है और कारोबार शुरू कर सकती है तथा 15 प्रतिशत की प्रतिस्पर्धी दर का लाभ उठा सकती है। इन कंपनियों को अपनी ऐसी नई इकाई से 31 मार्च 2023 को अथवा इससे पहले उत्पाद शुरू करना होगा।