कोरोना वायरस के चलते रुकने लगी निर्यात ऑर्डरों की डिलिवरी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कोरोना वायरस के चलते रुकने लगी निर्यात ऑर्डरों की डिलिवरी

भारतीय निर्यात संगठनों के संघ (फियो) को अंदेशा है कि आने वाले दिनों में और अधिक खरीदार निर्यात ऑर्डरों की आपूर्ति रोकने के लिए कहेंगे। बाद में यह ऑर्डर रद्द भी हो सकते हैं

कोरोना वायरस संकट का असर देश के निर्यात क्षेत्र पर दिखने लगा है। निर्यात संगठनों के संघ फियो के मुताबिक इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय खरीदार निर्यात ऑर्डरों की डिलिवरी रोकने के लिए कह रहे हैं।
भारतीय निर्यात संगठनों के संघ (फियो) को अंदेशा है कि आने वाले दिनों में और अधिक खरीदार निर्यात ऑर्डरों की आपूर्ति रोकने के लिए कहेंगे। बाद में यह ऑर्डर रद्द भी हो सकते हैं। फियो के बयान के मुताबिक ज्यादा रोजगार देने वाला लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित होगा।
मौजूदा रुख के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में कालीन, हस्तशिल्प, परिधान, जूते, रत्न-आभूषण और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्र में काम करने वाले लघु उद्योग पर इसका व्यापक असर होगा। फियो ने कहा कि कोरोना वायरस का अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन निर्यात क्षेत्र को आहट महसूस होने लगी है।
कई खरीदारों ने अगले निर्देश तक निर्यात ऑर्डरों की डिलिवरी रोकने के लिए कहा है। हमारा अनुमान है कि आने वाले दिनों में ऐसे निर्देशों की संख्या बढ़ेगी। बाद में इन ऑर्डरों के रद्द होने का भी अंदेशा है। संघ ने इस संबंध में सरकार से कुछ कदम उठाने की मांग की है। 
संघ ने कहा कि सरकार को बैंकों से निर्यात कंपनियों के ऋण को फंसा कर्ज घोषित करने की अवधि को बढ़ाकर एक साल करने के लिए कहना चाहिए क्योंकि कारोबार कम रहने की वजह से कई निर्यातकों की लागत प्रभावित होगी और उनके द्वारा लिया गया ऋण फंसा कर्ज बन सकता है। 
इसके अलावा सरकार को लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए रेहन या जमानत के बिना ऋण सीमा को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये तक कर देना चाहिए और सभी निर्यात संवर्द्धन योजनाओं को 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा देना चाहिए। फियो ने कहा कि सरकार को सभी निर्यातकों की नकदी स्थिति सुधारने के लिए तत्काल सभी निर्यात लाभ जारी कर देने चाहिए।
 उसका कहना है कि मौजूदा कोरोना वायरस से कई लघु एवं मध्यम उद्योगों के वजूद पर संकट आ गया है।

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