मुंबई : एअर इंडिया कर्मचारियों एवं अधिकारियों की दर्जन भर से अधिक यूनियनों ने अपनी नौकरियों की चिंता को लेकर वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन को बेचने की सरकार की दूसरी कोशिश का सोमवार को कड़ा विरोध किया। यूनियन से जुड़े सूत्रों ने प्रबंधन के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी।
बजट की घोषणाओं के बाद तत्काल हरकत में आए एअर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने शुक्रवार को ही निजीकरण की योजना पर चर्चा को लेकर सोमवार को तीनों यूनियनों की बैठक बुलाई। मीडिया में चल रही खबरों में कहा गया है कि सरकार ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए अक्टूबर तक की समयसीमा तय की है।
यूनियन के एक पदाधिकारी ने प्रबंधन के साथ बैठक खत्म होने के बाद नयी दिल्ली से फोन पर बताया कि 13 यूनियनों के मंच ने निजीकरण के विरोध का फैसला किया है। सूत्र ने बताया कि करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों ने प्रबंधन को बताया कि वे एयरलाइन के कायापलट के लिए कुछ भी करने को तैयार है लेकिन किसी भी कीमत पर निजीकरण को ‘स्वीकार’ नहीं करेंगे।