बजट में किसानों को मिलेगी राहत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

बजट में किसानों को मिलेगी राहत

NULL

नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट की तैयारियों के बीच सरकार कृषि क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपए की केंद्रीय निधि के गठन की योजना पर काम कर रही है जिसके तहत राज्य सरकारों को ‘मार्केट एश्युरेंस स्कीम’ के तहत किसानों को राहत देने के वास्ते ब्याज मुक्त अग्रिम निधि प्रदान की जाएगी। केंद्रीय निधि से अग्रिम आवंटन से राज्य सरकारें अपने स्तर पर रिवोल​विग निधि का गठन करेंगी और इससे उन किसानों की मदद की जाएगी जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर अपनी फसलें बेचने को मजबूर होना पड़ता है।

किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलना कृषि क्षेत्र के संकट का एक बड़ा कारण भी है। योजना के अनुसार राज्यों को इस संकट से निपटने के लिए अग्रिम निधि बिना ब्याज के आवंटित की जाएगी। इससे राज्य सरकारों को केंद्र की प्रस्तावित ‘मार्केट एश्युरेंस स्कीम’ में भागीदार बनने में आसानी होगी। किसानों में उत्पन्न नाराजगी के घावों पर खास मरहम लगायी जाएगी। बजट 2018 व 19 के बजट पूर्वानुमान में संकेत मिल रहा है कि राज्य सरकारों को किसानों से खरीद सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही नुकसान होने पर केन्द्र तथा राज्य इस भार को वहन करेंगे।

बताया जा रहा है कि विकास की दोड़ में पिछड़ गए कृषि क्षेत्र को गति देने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। किसानों के जख्म भरने के लिए वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में विशेष प्रावधान किए जाने के संभावना जतायी जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर खरीद को लेकर सरकार बजट में पहल करने पर विचार कर रही है। नयी योजना के तहत राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को धान व गेहूं को छोड़कर अन्य फसलों की न्यूनतम गारंटी देनी होगी।

उम्मीद की जा रही है कि खरीद लागत, भंडारण, विक्रय लागत, पूंजी पर ब्याज और अन्य आकस्मिक खर्च को कवर करते हुए खरीद तथा विक्रय मूल्य के अंतर में अगर घाटा हुआ तो केन्द्र सरकार भरपायी करेगी। यह विशेष प्रावधान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरु की गयी भावांतर योजना से मिलती जुलती बतायी जा रही है। सभवत: पहली वार घाटे के अंतर को 40 से 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार देगी। बाकी राज्य सरकारें वहन करेंगी। खरीदी जाने वाली जिंसो की बिक्री का पूरा दायित्व राज्य सरकारों का होगा।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करें।

(​दिनेश शर्मा)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।