नई दिल्ली : सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों में उनकी पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये अगले कुछ दिनों में करीब 10 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। यह पूंजी पंजाब नेशनल बैंक, कारपोरेशन बैंक और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया सहित कुछ अन्य बैंकों में डाली जायेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्रों ने बताया कि इनमें से कुछ बैंकों द्वारा अपने बांड धारकों को ब्याज का भुगतान करने की वजह से ये बैंक वित्तीय दबाव में आ गये। इसके परिणामस्वरूप ये बैंक नियामकीय पूंजी जरूरतों में असफल रहने के जोखिम में आ गये हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ने चार-पांच बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है जो कि पूंजी की भारी तंगी का सामना कर रहे हैं। ज्यादातर बैंक एटी 1 बांड पत्रों के जरिये पूंजी जुटाते हैं। ये बांड काफी लंबी अवधि के होते हैं और इन पर निवेशकों को ऊंची दर से ब्याज दिया जाता है।
फंसे कर्ज का स्तर बढ़ने और बढ़ते घाटे को देखते हुये बैंकों के लिये अपनी खुद की कमाई से इन बांड पर ब्याज और अन्य भुगतान करना काफी मुश्किल हो गया है। सूत्रों ने बताया कि बैंकों में पूंजी डालने का काम इसी सप्ताह और ज्यादा से ज्यादा अगले सप्ताह तक हो जायेगा।
पंजाब नेशनल बैंक, सैंट्रल बैंक आफ इंडिया और कारपोरेशन बैंक सहित कुछ अन्य बैंकों में यह पूंजी डाली जा सकती है। बैंकों पूंजी डालने का यह फैसला सरकार के उस निर्णय का हिस्सा है जिसके तहत बैंकों में दो वित्त वर्ष में कुल 2.11 लाख करोड़ रुपये डाले जाने हैं। इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की शेष राशि बची हुई है। पूंजी डालने के इस ताजा दौर में 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा सकती है।