नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी के स्लैब में बदलाव करने पर विचार कर रही है। जीएसटी काउंसिल जीएसटी में मिलने वाले राजस्व को बढ़ाने के लिए कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी की दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर छह फीसदी करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि यदि जीएसटी स्लैब में यह बदलाव किया जाता है तो इससे सरकार को लगभग 1,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
जीएसटी स्लैब के तहत चार स्लैब हैं। इनमें अलग-अलग वस्तुओं पर लगने वाले पांच, 12, 18 और 28 फीसदी टैक्स स्लैब शामिल है। पांच फीसदी जीएसटी मूल रूप से जरूरी सामानों जैसे- खाने का सामान, जूते और कपड़ों पर वसूल किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिन वस्तुओं पर जीएसटी लगाया जाता उनसे पूरे टैक्स का पांच फीसदी हिस्सा ही वसूला जाता है। सरकार का प्रति महीने जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य 1.18 करोड़ रुपये है।
बता दें कि वित्त मंत्री जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष होते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी पैनल में शामिल अन्य राज्यों के वित्त मंत्री आगामी 15 दिसंबर को एक बैठक कर सकते हैं। इस बैठक में जीएसटी से होने वाली कमाई को बढ़ाने के अलावा टैक्स स्लैब में जरूरी सुधारों से संबंधित अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
अगले साल से कारें, तंबाकू और कोला उत्पाद महंगे हो सकते हैं। जीएसटी परिषद की बैठक में इस बात का फैसला लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार को जीएसटी से उतनी आय नहीं हुई, जितना उसने सोचा था। जीएसटी से सरकार को होने वाली आय में लगातार गिरावट हो रही है।
जीएसटी परिषद ने भेजा राज्यों को पत्र
जीएसटी परिषद ने टैक्स बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को एक पत्र भेजा है, जिसमें कई तरह के सुझाव दिए गए हैं। आरबीआई ने हाल ही में बताया था कि जीएसटी रेट मई 2017 में 14.4 फीसदी था, जो इस वक्त 11.6 फीसदी हो गया।
इन उत्पादों पर बढ़ सकता है सेस सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए ऐसे उत्पादों पर सेस लगाने के लिए भी प्रस्ताव दिया, जिनकी बिक्री तो ज्यादा होती है, लेकिन उसका लाभ सरकार को नहीं मिलता है। इन उत्पादों में कारें, कोला और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं।
जीएसटी संग्रह में लगातार कमी से एक्शन में सरकार
वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में लगातार कमी को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। सरकार ने इस क्रम में जीएसटी राजस्व संग्रह और प्रशासन में सुधार के वास्ते कदम सुझाने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘समिति को व्यापक सुधारों पर विचार करना चाहिए, जिससे सुझावों की एक समग्र सूची सामने आ सकती है।’
समिति के विचारार्थ विषयों में दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी बदलाव और स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के उपाय सहित जीएसटी में व्यवस्थित बदलाव के बारे में सुझाव देना शामिल है। इसके अलावा समिति को कर आधार बढ़ाने के लिए किए जाने वाले उपायों पर सलाह देने के लिए भी कहा गया है।
आदेश में कहा गया कि नीतिगत उपाय किए जाने और कानून में बदलाव करने, अनुपालन निगरानी में सुधार और बेहतर डाटा विश्लेषण के इस्तेमाल और बेहतर प्रशासनिक समन्वय के द्वारा कर चोरी रोकना भी समिति की विषय सूची में शामिल है।