नई दिल्ली : सरकार ने 2019-20 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 18 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा है कि जनवरी, 2019 तक के तीन माहों के दौरान जीएसटी संग्रह बढ़ा है और इसी के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में अधिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया हैं केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष में 7.61 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है।
चालू वित्त वर्ष के लिए जीएसटी संग्रह का संशोधित अनुमान 6.43 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह अगले वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान के अनुसार जीएसटी संग्रह 7.43 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से एक लाख करोड़ रुपये कम रहेगा। पांडे ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में हमारा औसत संग्रह 89,000 करोड़ रुपये रहा था।
इस वित्त वर्ष में औसत संग्रह 97,000 करोड़ रुपये है। इस तरह से राजस्व बढ़ रहा है। यदि नवंबर, दिसंबर, जनवरी 2017-18 के आंकड़ो की 2018-19 के आंकड़ों से तुलना की जाए तो 14 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई देती है। इसी आकलन के आधार पर हमने अगले वित्त वर्ष के लिए GST संग्रह के अनुमान को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान दरों और प्रक्रियाओं को तर्कसगत बनाने के कई उपाय किए गए हैं। ‘‘हमने प्रणाली को सरल बनाने का प्रयास किया है।
इससे अनुपालन का बोझ भी कम हुआ है। दरों को तर्कसंगत बनाया गया है इसके बावजूद राजस्व बढ़ रहा है। पांडे ने कहा कि हमने जीएसटी में जो बदलाव किए हैं उनके प्रभाव से प्रणाली मजबूत होगी। इससे राजस्व बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि GST प्रणाली को इस सोच के साथ शुरू किया गया है कि इससे अनुपालन को प्रोत्साहन मिलेगा। जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को शुरू किया गया था।