नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में देश का शहद निर्यात कम हो सकता है क्यों कि प्रमुख आयातक अमेरिका में मांग नरम है तथा दूसरे शहद निर्यातक देशों ने अमेरिका को सस्ती दरों माल देना शुरू किया है। राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य देवव्रत शर्मा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में देश में शहद का उत्पादन कम हुआ है क्यों कि कम बरसात के कारण फुलों में पुष्प रस (नेक्टर) का कम रहा और फूल जल्दी सूख गए। इसके अलावा अंतराष्ट्रीय बाजार में शहद की कीमतें टूट गई हैं और अंतत: इसका खमियाजा मधुमक्खीपालकों को उठाना पड़ रहा है।
निर्यात के आर्डर कम होने से मधुमक्खीपालक किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्यों की निर्यात माल को घरेलू बाजार में खपाने में खास तरह की दिक्कत है। आम धारणा है कि शहद जमता नहीं जिसके कारण निर्यात के लिए तैयार खेप को घरेलू बाजार में खपाने में मुश्किलें आ सकती हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि शहद के उपभोग को बढ़ावा देने के लिए‘संडे हो या मंडे खूब खाओ अंडे’वाले अंडे के जैसा विज्ञापन अभियान चलाया जाना चाहिए।
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