नई दिल्ली: उद्योग संगठन फिक्की ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किये जाने की वजह से आयी आर्थिक सुस्ती अब समाप्त हो रही है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास दर 6.2 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में इससे बढ़कर 6.7 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।
मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा के 3.3 प्रतिशत पर और आर्थिक विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। फिक्की ने आज यहां जारी आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के अनुसार नोटबंदी का असर समाप्त हो चुका है और जीएसटी को लेकर आयी अस्थिरता भी लगभग समाप्त हो चुकी है और नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था अब स्थिर हो रही तो आगे अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल सकती है।
जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक विकास दर में यदि अनुमान से अधिक की तेजी आयी तो विकास दर 7.1 प्रतिशत तक जा सकती है लेकिन यदि गिरावट आती है तो यह 5.9 प्रतिशत पर आ सकती है।