नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने आईएल एंड एफएस समूह की कंपनियों के कर्ज को एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में वर्गीकृत करने के संदर्भ में दिये गये आदेश को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में याचिका दायर की है। याचिका में न्यायाधिकरण के आदेश में संशोधन का आग्रह किया गया है। न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने कहा है कि वह रिजर्व बैंक की दलीलें सुनेगी।
केंद्रीय बैंक ने अपनी याचिका में अपीलीय न्यायाधिकरण के उस आदेश में संशोधन का आग्रह किया है जिसमें आईएल एंड एफएस और 300 से अधिक समूह कंपनियों के खातों के संदर्भ में कर्ज के भुगतान पर रोक लगायी गयी है। कार्यवाही के दौरान आरबीआई अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में शक्तियों का दोहराव हो रहा है।
न्यायाधिकरण ने कारपोरेट कार्य मंत्रालय से आईएल एंड एफएस मामलों के समाधान के संदर्भ में हुई प्रगति के बारे में जानकारी देने को कहा। इसके अलावा अपीलीय न्यायाधिकरण ने कर्जदाताओं की समिति तथा समाधान पेशेवर से समूह की हर कंपनी के बारे में ताजा जानकारी देने को कहा।