नई दिल्ली : देश में गरीबी को कम करने और विकास का फायदा गरीबों तक पहुंचाने के लिये उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करना जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। जेटली ने बचत एवं खुदरा बैंकों के 25वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि विकास की बाट जोह रहा कोई समाज जीवन की गुणवत्ता में सुधार और विकास का फल गरीबों तक पहुंचाने के लिए अनिश्चितकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि दर आवश्यक है। हम उच्च आर्थिक वृद्धि के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी के गर्त से उबारना और उनका जीवन सुधारना चाहते हैं। लेकिन हम विकास और प्रगति का फायदा कुछ लोगों तक सीमित रह जाने और बाकी के उससे वंचित होने के जोखिम को लेकर भी सजग है। जेटली का कहा कि आर्थिक वृद्धि का प्रभाव निश्चित रूप से दिखेगा लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है और विकास की बाट जोह रहा समाज अनिश्चितकाल तक इसका इंतजार नहीं कर सकता है।
जेटली ने कहा कि अर्थव्यस्था को औपचारिक रूप देने के लिये सरकार ने बड़े मूल्य वाले नोट (500 और 1,000 रुपये) को बंद किया था। जिससे बड़ी मात्रा में बैंकिंग प्रणाली में नकदी आ गयी थी। सरकार ने नई कर व्यवस्था माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पेश की। इससे विभिन्न कर एक कर में समाहित हो गये हैं।