संयुक्त राष्ट्र : नई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। एशिया और प्रशांत (ईएससीएपी) के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी गिरकर 2017 में 6.6 प्रतिशत पर आ गई , जो 2016 के 7.1 प्रतिशत से नीचे रही। रिपोर्ट में भारत की जीडीपी 2018 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने और इसके अगले वर्ष में बढ़कर 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है।
इसमें कहा गया है कि भारत में एक जुलाई 2017 को लागू जीएसटी और कंपनियों एवं बैंकों की कमजोर बैलेंस शीट के चलते आर्थिक वृद्धि कमजोर हुई लेकिन 2017 की दूसरी छमाही में इसमें सुधार दिखाई दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों के जीएसटी व्यवस्था के साथ बेहतर तालमेल होने पर निजी निवेश में वृद्धि, बुनियादी ढांचे पर खर्च में तेजी और सरकार के सहयोग से कंपनियों और बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार से वृद्धि दर में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाएं पटरी पर हैं और कुल मिला कर उनकी वृद्धि दर 2017 में 5.8 प्रतिशत रही। इसके पिछले वर्ष इनकी वृद्धि 5.4 प्रतिशत थी। इस समय चीन की वृद्धि दर थोड़ी हल्की हुई है पर भारत के सुधार ने उसको संभाल लिया है। इसके साथ ही क्षेत्र के शेष हिस्सों के प्रदर्शन में स्थिरता है।
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