इंडिगो, जेट एयरवेज और स्पाइसजेट ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (उड़ान) के तहत उड़नों के परिचालन के लिए बोलियां लगाई हैं। उड़न योजना के तहत दूसरे दौर की बोलियों में सरकर को कुल 141 शुरुआती प्रस्ताव मिले हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के दूसरे चरण के लिए वित्तीय बोलियां कल खोली जाएंगी। इसके लिए तकनीकी बोलियां पांच दिसंबर को खोली गई थीं। नागर विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज तथा जूम एयर उन कंपनियों में हैं जिन्होंने दूसरे दौर के लिए बोलियां लगाई हैं। उड़न के तहत सरकार का इरादा कम उड़नों वाले या उड़ान सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हवाई अड्डों को जोड़ना है और उड़ानों को सस्ता बनाना है। भागीदार एयरलाइंस को उड़ानों को व्यावहारिक बनाने के लिए विथपोषण (वीजीएफ) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारें योगदान कर रही हैं।
अधिकारी ने कहा कि इंडिगो और स्पाइसजेट ने इस योजना के तहत अपनी प्रस्तावित उड़नों के लिए किसी तरह का वीजीएफ नहीं मांगा है। पहले दौर में बोली जीतने के बाद स्पाइसजेट पहले से उड़ान के तहत उड़ानों का परिचालन कर रही है। यह पहली बार है जबकि इंडिगो और जेट एयरवेज ने आधिकारिक रूप से इस योजना में भागीदारी की इच्छा जताई है। पहले दौर में स्पाइसजेट ने वीजीएफ नहीं मांगा था। अधिकारी ने कहा कि दूसरे दौर की बोली में शून्य वीजीएफ अनिवार्यता के साथ कुल 25 प्रस्ताव मिले हैं। इनमें इंडिगो और स्पाइसजेट का भी प्रस्ताव शामिल है।
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