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उद्योग जगत ने किया बजट का स्वागत

उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट का स्वागत करते हुए इसे शानदार बताया और कहा कि इससे बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और जनता की आकांक्षायें पूरी होने के अलावा अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।

उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट का स्वागत करते हुए इसे शानदार बताया और कहा कि इससे बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा  और जनता की आकांक्षायें पूरी होने के अलावा अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। 
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि बजट 2020 से भारत सशक्त होगा और उद्योगों को मजबूती मिलेगी। संसद में पेश किये गये वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा चुनौतियों का पूरा ध्यान रखा है। 
सरकार का प्रयास सराहानीय है और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के कई उपायों की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार को आम आदमी के हाथ में अधिक से अधिक धन देने की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे उसकी खरीदक्षमता में इजाफा हो और मांग से औद्योगिक उत्पादन की गति मिल सके। 
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कामर्स के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि यह बजट आय और खरीद क्षमता को बढाने वाला है। उन्होंने कहा कि यह एक शानदार बजट है जिसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दुगुनी के करने के लिए कृषि पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे देश में जबरदस्त मांग पैदा होगी और औद्योगिक उत्पादन को मजबूती मिलेगी। व्यक्तिगत आय के स्लैब में बदलाव से आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा होगा और मांग में इजाफा होगा। 
भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने आम बजट से निवेशकों और उद्योग जगत में सकारात्मक संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून की समीक्षा की घोषणा से उद्योगजगत में विश्वास पैदा होगा। ‘‘विवाद से विश्वास’’ योजना से विवादों का निपटारा होगा और उद्योगों में भरोसा बढ़ेगा।
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल (एसोचैम) के उपाध्यक्ष विनीत अग्रवाल ने आम बजट को ‘‘बहुत अच्छा’’ बताया और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को बढ़वा मिलेगा। उन्होंने व्यक्तिगत आयकर में कटौती को सही दिशा में कदम बताया और कहा कि इससे आम आदमी के हाथ पैसा आएगा और उपभोग में वृद्धि होगी। 
भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि बजट मे निर्यात को गति देने के लिए कई उपाय किये है। बजट में कृषि को बल देने के लिए शानदार कदम उठायें गये है जिनसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। इन कदमों से किसानों की आय दुगुनी करने में भी मदद मिलेगी। 
उन्होंने कहा कि बजट में विदेशों से आने वाले सस्ते उत्पादों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। इससे शिल्पकारों और छोटे उद्योगों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा प्रत्येक जिले को निर्यात केंद्र के रुप में विकसित करने का प्रयास पासा पलटने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि निर्विक ऋण की प्रक्रिया सुगम होगी और निर्यातों के लिए पूंजी उपलब्ध होगी। 
नारेडको के अध्यक्ष डॉ। निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक तय दिशा रखने वाला, यह एक अच्छा बजट है। वित्त मंत्री ने अपने प्रस्तावों में अर्थव्यवस्था के लगभग सभी प्रमुख वर्गों को शामिल किया है लेकिन विभिन्न प्रावधानों के लिए आवंटित राशि पूरी तरह से अपर्याप्त है। रियलटी क्षेत्र के लिए पूंजी की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है जिसमें राहत मिलती नहीं दिख रही है। 
कॉन्फ़डरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि केंद्रीय बजट को एक समग, दस्तावेज है। यह विकासोन्मुखी है और अर्थव्यवस्था के विकास की ओर केंद्रित है। यदि बजट की घोषणाएं एक निश्चित समय सीमा में लागू की गयी तो निश्चित रूप से आय में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़गी। 
उन्होंने कहा कि बाजार में नकदी की तरलता बढ़ने के प्रावधान किये गये जिनसे निर्यात बढ़गा। बजट में की गई घोषणाएं देश में घरेलु व्यापार और विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। छोटे उद्योगों के लिए लेखा परीक्षण सीमा एक करोड़ से पांच करोड़ रुपए करना बेहद साहसी कदम है जिसका देश के व्यापारी स्वागत करते हैं। इसके अलाव गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां को महत्व देना बजट की महत्वपूर्ण घोषणा हैं जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित होंगी क्योंकि यही कंपनियां व्यापारियों को अधिकाँश ऋण उपलब्ध कराती हैं।
इंजीनियर्स उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष रवि सहगल ने कहा कि निर्विक से निर्यात के लिए पूंजी सरलता से उपलब्ध होगी जो केंद्रीय बजट में एक सराहानीय कदम है। चिकित्सा उपकरण के निर्माण के लिए घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा जिलों को उद्योगों का केंद, बनाना शानदार कदम रहेगा। 
फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स ने कहा कि बजट से ऑटो उद्योग को तत्काल कोई बल मिलने की कोई संभावना नहीं है। बजट में कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन क्षेत्रों में बजटीय प्रावधानों का असर चार- पांच महीने के बाद दिखायी देगा और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित वाहनों की मांग को बढ़वा मिलेगा। 
भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने बजट को इस्पात उद्योग के साथ पूरे औद्योगिक जगत के लिए आशाजनक और संभावनाओं से भरा बताते हुए कहा कि इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर बड़ पैमाने पर सरकार की निवेश की योजना निश्चित रूप से देश में इस्पात की खपत को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेगी। 
यह रोजगार के अवसर बढ़ने में भी मददगार साबित होगी। इसके साथ ही सरकार के भारतीय रेलवे पर निवेश पर नए सिरे से फोकस और 100 नए हवाई अड्डों के विकास तथा पाइप वाटर सप्लाई लाइन की योजना से इस्पात उद्योग सीधे लाभान्वित होगा।

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