मुंबई : इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस (आरएचआईसीएल) को नई पॉलिसी नहीं बेचने के निर्देश दिए हैं। इरडा ने बुधवार को जारी पत्र में रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस से ये भी कहा कि वह 15 नवंबर तक अपने उत्तरदायित्व रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को सौंप दे।
आरएचआईसीएल के सॉल्वेंसी मार्जिन में लगातार गिरावट की वजह से इरडा ने ये फैसला लिया। सितंबर के आखिर तक ये मार्जिन 63% रह गया, नियमों के मुताबिक 150% से कम नहीं होना चाहिए। किसी बीमा कंपनी के सॉल्वेंसी मार्जिन से यह पता चलता है उसके पास विपरीत हालातों में दावे निपटाने के लिए पर्याप्त रकम है या नहीं।
रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस 15 नवंबर तक दावों के सेटलमेंट के अलावा अन्य किसी भुगतान के लिए अपने एसेट्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इरडा का अनुमान है कि रिलायंस हेल्थ के एसेट्स मौजूदा ग्राहकों के भविष्य में संभावित दावों के निपटारे के लिए पर्याप्त हैं।
इरडा ने कहा है कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस का पोर्टफोलियो रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया और दावों के सेटलमेंट पर नजर रखी जाएगी, बीमाधारकों के हितों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
रिलायंस हेल्थ को मौका दिया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ : इरडा
इरडा के मुताबिक रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस जून से सॉल्वेंसी मार्जिन की अनिवार्यता पूरी नहीं कर पा रही। पॉलिसी बेचने पर रोक लगाने के फैसले से पहले कंपनी को दो बार मौका दिया गया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस ने अक्टूबर 2018 में कारोबार शुरू किया था।
रिलायंस कैपिटल इसकी प्रमोटर कंपनी है। इसने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के स्वास्थ्य बीमा कारोबार को अलग करते हुए रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस बनाई थी।