मुंबई : जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने अपने सहयोगी एतिहाद से 750 करोड़ रुपये की आकस्मिक सहायता मांगी है। इसके लिए उन्होंने एतिहाद को एक पत्र लिखकर कहा है कि यदि मदद नहीं की गई तो जेट एयरवेज बंद हो जाएगी। उन्होंने कंपनी के बहुत भारी नकदी संकट का सामना करने का उदाहरण देते हुए कहा कि कंपनी की हालत ‘बहुत अनिश्चित’ है।
उल्लेखनीय है कि पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने से कंपनी को अपने 50 से ज्यादा विमानों को खड़ा करना पड़ा है। इससे पहले 14 फरवरी को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कंपनी पर कर्ज का पुनर्गठन करने की योजना को हरी झंडी दे दी थी। इसके बाद कंपनी को कर्ज देने वाले बैंक सबसे बड़े हिस्सेदार बन जाएंगे क्योंकि कंपनी को दिए गए कर्ज को एक रुपये के न्यूनतम मूल्य पर शेयर में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
शेयरधारकों ने भी इस पुनर्गठन योजना को 21 फरवरी को मंजूर कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह अंतरिम मदद नहीं की गई तो जेट एयरवेज के भविष्य के लिए बेहतर नहीं होगा और कंपनी बंद हो जाएगी।
जेट प्रिवलेज में अपने शेयरों को गिरवी रखने के लिए मंजूरी मिली
एतिहाद समूह के मुख्य कार्यकारी टॉनी डगलस को लिखे पत्र में गोयल ने कहा कि अंतरिम तौर पर कोष जुटाने के लिए उसने जेट प्रिवलेज में अपने शेयरों को गिरवी रखने के लिए विमानन मंत्रालय से मंजूरी भी ले ली है। इस लॉयल्टी कार्यक्रम में जेट की हिस्सेदारी 49.9 प्रतिशत है जबकि बहुलांश हिस्सेदारी एतिहाद की है।
एतिहाद के पास जेट में अप्रैल 2014 से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी अबू धाबी में सोमवार को अपने निदेशक मंडल की बैठक के दौरान जेट के समाधान पर विचार विमर्श करेगी।