नई दिल्ली : कर्ज के बोझ से दबी जेपी इन्फ्राटेक ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष ऋणदाताओं का पूरा बकाया कर्ज बिना किसी कटौती के चुकाने और लंबित परियोजनाओं को तीन साल में पूरा करने का प्रस्ताव किया है। एनसीएलएटी ने जेपी इन्फ्राटेक की मौजूदा जारी कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से मुकदमेबाजी की अवधि को अलग करने की अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है।
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने जेपी इन्फ्राटेक की प्रवर्तक जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल) से मुकदमेबाजी की समयसीमा को अलग करने की अवधि के बारे में लिखित में देने को कहा। एनसीएलएटी ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 जुलाई तय की है।
उसी दिन वह संभवत: इस पर अपना आदेश सुनाएगा। कंपनी के ऋणदाताओं ने 17 सितंबर, 2018 से 4 जून, 2019 की 250 दिन की अवधि को कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से अलग करने की मांग कर रहे हैं।