नई दिल्ली : गत सप्ताह मक्की में एमपी, राजस्थान का माल तेजी से उठने से 45/50 रुपए का उछाल आ गया। गेहूं भी यूपी का माल कम आने से 30/35 रुपए बढ़ गया। बारीक चावल में 200 रुपए ऊपर-नीचे होने के बाद बाजार 100 रुपए मंदा लिये बंद हुआ। दलहनों में आयातकों की हल्के-भारी माल की बिकवाली हर भाव में बनी रहने से सप्ताह के पूर्वाद्ध में बढऩे के बाद सप्ताहांत में फिर बाजार दब गया। पक्के मालों में ग्राहकी की भारी कमी रही तथा सीलिंग का भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव रहा।
आलोच्य सप्ताह चित्रकूट, गोंडा, बहराइच, इलाहाबाद, कानपुर लाइन से गेहूं की आवक 10-11 ट्रक से घटकर 3-4 ट्रक दैनिक रह गयी जिससे लोकल स्टॉक का गेहूं 30/35 रुपए बढक़र 1810/1815 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। पिछैती सर्दी से पूर्वी यूपी, एमपी एवं बिहार में गेहूं की फसल को व्यापक लाभ मिला है। चारों ओर 80 प्रतिशत फसल की दूसरी सिंचाई हो चुकी है। वहीं मौसम की गर्माहट से हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में फसल ग्रोथ कम रह गयी है। इससे सकल उत्पादकता में कुछ कमी का आभास होने लगा है। फिलहाल केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक भारी मात्रा में पड़ा हुआ है।
प्राइवेट सैक्टर में गेहूं का स्टॉक जबरदस्त है तथा दक्षिण भारत की रोलर फ्लोर मिलों को भी पहले का आयात हुआ गेहूं मंदे भाव मिलने से उत्तर भारत से गेहूं के रैक इस बार नहीं जा पाये। इन हालातों को देखते हुए गेहूं में वर्तमान की तेजी टिकाऊ नहीं रहेगी। अगले महीने ही नई फसल आ जाएगी। अत: माल बेचते रहना चाहिए। इसके अलावा मक्की भी उक्त अवधि के अंतराल 45/50 रुपए उछलकर राजपुर पहुंच में 1448/1450 रुपए नैट में बिक गयी। तथा एमपी के मुरथई लाइन की मक्की सफीदों, पानीपत, करनाल पहुंच में 1450 रुपए दो प्रतिशत कैश डिस्काउंट पर जा पहुंची।
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