नई दिल्ली : जेट एयरवेज के अस्थायी रूप से बंद होने के कारण हजारों कर्मचारियों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या हो सकती है लेकिन दूसरी एयरलाइन के लिये ऐसे अनुभवी लोगों को नियुक्त करने का अच्छा मौका है। हालांकि उनका वेतन अपेक्षाकृत कम हो सकता है। तेजी से विकास कर रहे भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रतिभावान कर्मचारियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है। नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में ठेके पर काम करने वाले समेत करीब 23,000 कर्मचारी हैं।
करीब 26 साल से उड़ान सेवा दे रही कंपनी ने 17 अप्रैल को अस्थायी रूप से परिचालन बंद करने की घोषणा की। विशेषज्ञों के अनुसार एयरलाइन के कर्मचारी फिलहाल दबाव में होंगे। हालांकि उनमें से कुछ कंपनी के पटरी पर आने को लेकर आशान्वित हैं। मौजूदा हालात में वे छोटे एवं मझोले शहरों में जा सकते हैं या कम वेतन वाली कोई नौकरी स्वीकार कर सकते हैं।
नौकरी के बारे में जानकारी देने वाली कंपनी टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि भारत के विमानन क्षेत्र में काफी संभावना है और मौजूदा स्थिति को देखा जाए तो मांग के मुकाबले अभी चालक दल के सदस्यों, पायलटों तथा जमीन पर पर रख-रखाव कार्यों से जुड़े कर्मचारियों की संख्या काफी कम हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि मेरे हिसाब से अन्य विमानन कंपनियों को जेट के अनुभवी और प्रशिक्षित कर्मचारियों को नियुक्त करने का बेहतर मौका है।