राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने बुधवार को (यानि आज) कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की विस्तृत नियामकीय भूमिका से गलत प्रचलनों पर रोक लगेगी तथा देश की वित्तीय प्रणाली अधिक विश्वसनीय बनेगी।
उन्होंने राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की नियामकीय निगरानी ने बैंकिंग परिचालन में स्थिरता लायी है।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में एक नियामक के रूप में रिजर्व बैंक की भूमिका विस्तृत की गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि इससे गलत प्रचलनों पर रोक लगेगी तथा हमारी वित्तीय प्रणाली अधिक विश्वसनीय बनेगी।’’
कोविंद ने कहा कि बैंक देश की आर्थिक प्रणाली के आधार हैं। इन्होंने पिछले कई साल से देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि हमने वित्तीय समावेश के जरिये उन लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में तेज प्रगति की है, जो अब तक इन सेवाओं से वंचित थे। राष्ट्रपति ने कहा कि जमा पर बीमा की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ा पांच लाख रुपये किया जाना बचतकर्ताओं को आश्वस्त करने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।