नई दिल्ली : माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह चालू वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। इस के साथ ही 2018-19 में जीएसटी संग्रह 11.77 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छू गया है। यह सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में जीएसटी से प्राप्ति के लिये निर्धारित 11.47 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक है। देश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद यह (मार्च में संग्रह) अब तक की सबसे अधिक वसूली है। इससे पहले, फरवरी महीने में 97,247 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था। जीएसटी अनुपालन में सुधार के साथ रिटर्न की संख्या बढ़ने से जीएसटी संग्रह में तेजी आई है। मार्च में मासिक रिटर्न या जीएसटीआर-3 बी भरने वालों की संख्या 75.95 लाख रही। यह आंकड़ा भी जीएसटी लागू होने के बाद सबसे अधिक है।
जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से मार्च 2019 में सबसे ज्यादा GST संग्रह हुआ और पूरे वित्त वर्ष में चौथी बार वसूली का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार गया। जीएसटी संग्रह में मार्च 2018 की तुलना में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। एक साल पहले मार्च में जीएसटी संग्रह 92,167 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कुल GST संग्रह 11.77 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक रहा, जो कि सरकार के संशोधित बजट अनुमान 11.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये GST संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, GST संग्रह अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये, मई में 94,016 करोड़ रुपये, जून में 95,610 करोड़ रुपये, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपये, सितंबर में 94,442 करोड़ रुपये, अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ रुपये, नवंबर में 97,637 करोड़ रुपये, दिसंबर में 94,725 करोड़ रुपये, जनवरी 2019 में 1.02 लाख करोड़ रुपये और फरवरी 2019 में 97,247 करोड़ रुपये और आखिरी महीने मार्च में रिकार्ड 1.06 लाख करोड रुपये रहा है। अब नये वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।