मुंबई : अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपये का मध्यस्थता मुकदमा जीत लिया है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि इस राशि का इस्तेमाल ऋणदाताओं का भुगतान करने और कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने शनिवार को सर्वसम्मति से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में फैसला दिया। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल में डीवीसी की 1200 मेगावॉट की रघुनाथपुर ताप बिजली परियोजना का इंजीनियरिंग और निर्माण अनुबंध मिला मिला था। कंपनी ने कहा है कि उसने भारत सरकार के उपक्रम डीवीसी के खिलाफ एक बड़ा 1,250 करोड़ रुपये का मध्यस्थता मुकदमा जीत लिया है।
7 साल पुराने कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा था विवाद
रिलायंस इन्फ्रा को 2012 में पश्चिम बंगाल में डीवीसी के रघुनाथपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का इंजीनियरिंग-कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्ट मिला था। इससे जुड़े विवाद में कंपनी मध्यस्थता अदालत में केस लड़ रही थी। आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने डीवीसी से कहा कि रिलायंस इन्फ्रा को 896 करोड़ रुपए का भुगतान करे और 354 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी लौटाए।
भुगतान में चार हफ्ते से ज्यादा देरी होने पर सालाना 15% की दर से ब्याज चुकाने के आदेश भी दिए हैं। रिलायंस इन्फ्रा का कहना है कि बैंक गारंटी के एवज में आर्बिटल अवॉर्ड का 75% भुगतान तुरंत करने की मांग करेगी।