नई दिल्ली : खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि राज्यों को 49 रुपये से 55 रुपये प्रति किलो की दर से उनकी मांग के अनुरुप प्याज उपलब्ध करायी जायेगी। श्री पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 49 से 55 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की खरीद की जा रही है और राज्यों को इसी मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराया जायेगा।
परिवहन पर जो राशि खर्च की जायेगी उसे केन्द्र सरकार वहन करेगी। दिल्ली में सफल, केन्द्रीय भंडार और नेफेड के माध्यम से उपभोक्ताओं को प्याज उपलब्ध कराया जायेगा। श्री पासवान ने कहा कि इस बार देर से प्याज लगाने तथा खरीफ के दौरान वर्षा हो जाने से महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ जिससे इसके उत्पादन में 25 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
पिछले साल जनवरी में इस समय तक प्याज का उत्पादन 13.80 लाख टन हुआ था जबकि इस बार 9.25 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ है। फरवरी तक 22.62 लाख टन प्याज के उत्पादन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि देश में प्रतिदिन 67000 टन प्याज की मांग है और सरकार इस जरुरत को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेगी। श्री पासवान ने कहा कि शुरु में राज्यों ने 33000 टन प्याज की मांग की थी लेकिन बाद में वह पीछे हट गये। अब कैबिनेट सचिव ने 12 राज्यों के मुख्य सचिवों से बात की है और उनसे अपने जरुरत के अनुसार प्याज लेने को कहा है।
प्याज की किल्लत के मद्देनजर सरकार ने एक लाख दो हजार टन प्याज का आयात करने का लक्ष्य निर्धारित किया था और 36500 टन प्याज का आयात भी किया गया है। इसके अलावा निजी क्षेत्रों ने भी प्याज का आयात किया है। उन्होंने कहा नवम्बर में प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुयी और इसकी कीमत 120 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी तथा 23- 24 दिसम्बर तक यही स्थिति बनी रही।
अक्टूबर के अंत तक आम तौर पर खरीफ प्याज की फसल बाजार में आ जलाती है। आठ से 11 जनवरी तक 7299 टन, 15 से 20 जनवरी तक 7551 टन, 22 से 25 जनवरी तक 8080 टन तथा 26 से 30 जनवरी तक 7750 टन विदेशी प्याज आने की उम्मीद है। श्री पासवान ने खाद्य तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल के मूल्य में वृद्धि का कोई कारण नजर नहीं आता है।