कोरोना महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में कटौती की पहल निवेशकों की धारणा में बदलाव नहीं ला पाई तथा कारोबार के अंत में रुपया 34 पैसे की गिरावट दर्शाता 75.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख, विदेशों में डॉलर के मजबूत होने, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने से भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई।
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 75.72 रुपये प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और बाद में इसमें और गिरावट आई। कारोबार के अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 34 पैसे की गिरावट के साथ 75.95 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई। बृहस्पतिवार को रुपया 75.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। साप्ताहिक आधार पर रुपये में 37 पैसे की गिरावट आई है। 15 मई को रुपया 75.58 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ब्याज दरों में कटौती करते हुए ऋण के पुनर्भुगतान पर छूट अवधि को बढ़ा दिया तथा बैंकों को इस बात की अनुमति दी कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के प्रयास के तहत निगमित क्षेत्र को अधिक कर्ज दे सकते हैं। चार दशकों में पहली बार अर्थव्यवस्था में मंदी का अंदेशा है।