केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को इंग्लैंड की वाणिज्य मंत्री एनी-मेरी ट्रेवेलियन से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लॉन्च होने से पहले इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। पीयूष गोयल ने इस मुलाकात के बारे में एक ट्वीट में जानकारी दी। गोयल ने बताया कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट शुरू होने से भारत और ब्रिटेन दोनों को बिजनेस और ट्रेड में फायदा होगा। इस एग्रीमेंट के जरिये दोनों देश अपने-अपने कारोबारी कानून को आसान बनाएंगे और कस्टम ड्यूटी घटाएंगे। दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देने और माल और सेवा के कारोबार बढ़ाने के लिए यह एग्रीमेंट हो रहा है।
ब्रिटेन-भारत व्यापार दोगुना हो जाएगा
भारत 2050 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, और सरकार को उम्मीद है कि इस दशक के दौरान ब्रिटेन-भारत व्यापार दोगुना हो जाएगा। गुरुवार को नई दिल्ली में, ब्रिटिश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए भारत और यूके के बीच औपचारिक रूप से वार्ता शुरू करेंगी।
पीयूष गोयल का ट्वीट
Met with UK Secretary of State for International Trade @AnnieTrev for the launch of India-UK Free Trade Agreement Negotiations.
Deliberations will be held over an array of trade opportunities of mutual interest benefiting both sides. 🇮🇳 🇬🇧 pic.twitter.com/9GPnyMtQIk
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 13, 2022
जिसके दौरान वह अपने समकक्ष केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी। मीड़िया रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेवेलियन भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते की संभावना को एक सुनहरा अवसर बताती हैं। नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले, उन्होंने कहा था , हम खाद्य और पेय से लेकर सेवाओं और ऑटोमोटिव तक कई उद्योगों में अपने महान ब्रिटिश उत्पादकों और निर्माताओं के लिए इस विशाल नए बाजार (भारत द्वारा पेश किए गए) को खोलना चाहते हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) भारत के साथ एक सार्थक समझौते पर पहुंचने के लिए वर्षों से प्रयास कर रहा है, लेकिन उसे बहुत कम सफलता मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया भी एक दशक से एक सौदे पर काम कर रहा है।
भारतीय कंपनियां पहले से ही यूके में 95,000 नौकरियों का समर्थन करती
सरकारी खरीद नीति और सेवाओं में व्यापार जैसे क्षेत्र विशेष रूप से कठिन हैं। ब्रिटिश अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्ष अब ब्रिटेन-भारत के सौदे को जल्दी से पूरा करने के इच्छुक हैं, और वे चाहेंगे कि इस पर साल के अंत तक सहमति बन जाए। लेकिन यह एक महत्वाकांक्षी समयरेखा है।इस बीच, यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) ने अनुमान लगाया है कि भारतीय कंपनियां पहले से ही यूके में 95,000 नौकरियों का समर्थन करती हैं, जिसमें टाटा यूके में सबसे बड़ा भारतीय नियोक्ता है।