नई दिल्ली : ब्रिटिश आंत्रप्रेन्योर जेसन अन्सवर्थ जेट एयरवेज में पैसे लगाना चाहते हैं। जेट ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसे इस बारे में ईमेल मिला है। जेसन को एसबीआई कैप्स से बात करने को कहा गया है। जेट की नीलामी एसबीआई कैप्स ही करवा रही है। जेसन एटमॉस्फेयर इंटरकॉन्टिनेंटल एयरलाइंस के सीईओ हैं। उन्होंने चार साल पहले यह कंपनी शुरू की थी। जेसन ने एक ट्वीट में एसबीआई के किसी अधिकारी से संपर्क करने की बात कही।
जेसन का कहना है कि वह जेट एयरवेज में 1,500 करोड़ रुपए लगाने को तैयार हैं। जेट के 1,500 स्टाफ दूसरी एयरलाइंस को सर्विस दे रहे : जेट एयरवेज करीब 1,500 कर्मचारी अब भी काम पर लगे हैं। ये दूसरी घरेलू और विदेशी एयरलाइंस के लिए सामान की जांच जैसी सिक्युरिटी सर्विस का काम कर रहे हैं।
हालांकि इन्हें भी तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है। जेट के ये स्टाफ देश के 14 हवाई अड्डों पर 820 उड़ानों के लिए सर्विसेज दे रहे हैं। इनमें एतिहाद समेत 36 विदेशी एयरलाइंस भी हैं। मुंबई में विदेशी एयरलाइंस को सबसे ज्यादा जेट के कर्मचारी ही सर्विस मुहैया कराते हैं। अप्रैल में गल्फ एयर और इराकी एयरवेज समेत कई एयरलाइंस का जेट से कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा।
जेट एयरवेज के यात्रियों के पैसे लौटाने की याचिका पर एक मई को सुनवाई
जेट के यात्रियों के पैसे लौटाने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 1 मई को सुनवाई करेगा। याचिका बेजन कुमार मिश्रा नाम के एक्टिविस्ट ने लगाई है। इसमें कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह एविएशन मंत्रालय और डीजीसीए को कैंसिल टिकट का पूरा पैसा रिफंड करवाने का निर्देश दे।
हालांकि चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस एजे भंभानी की बेंच ने टिप्पणी की कि याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है। सुनवाई से पहले इसके बारे में मीडिया में छप गया। याचिका में कहा गया है कि जेट एयरवेज के अचानक बंद होने से दूसरी एयरलाइंस ने किराया काफी बढ़ा दिया है। जेट को यात्रियों के 360 करोड़ रुपए लौटाने हैं।