नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने वोडाफोन ग्रुप के प्रतिनिधियों को कर मामले में भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रक्रिया में पीठासीन पंच नियुक्त करने की प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति आज दे दी। यह मामला कंपनी के खिलाफ 11000 करोड़ रुपये की कर मांग से जुड़ है।
न्यायाधीश मनमोहन ने 22 अगस्त को वोडाफोन को उस मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया था जो कि उसने भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते (बीपा) के तहत भारत के खिलाफ शुरू की है। इसी एक मुद्दे पर कंपनी की यह दूसरी मध्यस्थता प्रक्रिया है।
अदालत ने सरकार से पूछा है कि क्या मध्यस्थता के पहले मामले में अंतिम फैसला आने के बाद क्या उक्त प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण सुगम होगा। इस बारे में 17 नवंबर तक अदालत को सूचित करना होगा। अदालत ने कहा कि चूंकि दोनों पक्ष दूसरे मध्यस्थता मामले में एक एक पंच पहले ही नियुक्त कर चुके हैं इसलिए वह प्रक्रिया को रोकने के पक्ष में नहीं है।