चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को अपनी अर्थव्यवस्था को और खोलने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि दुनिया भर के देशों को व्यापार में रुकावट खड़ा करने के बजाए उन्हें दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग ने शंघाई में आयोजित आयात प्रदर्शनी को संबोधित किया। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों भी मौजूद रहे।
चीन ने अपने स्थानीय बाजारों को मुक्त बनाने की इच्छा जाहिर करने के लिए आयात एक्सपो का आयोजन किया। पिछले काफी समय से चीन को अपने बाजार पर नियंत्रण रखने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। शी ने कहा कि विश्व समुदाय को "बाधा खड़ी करने के बजाए उन्हें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, संरक्षणवाद को सख्ती से विरोध करना चाहिए और व्यापार बाधाओं को लगातार कम करने पर काम करना चाहिए।"
उन्होंने व्यापार युद्ध को लेकर स्पष्ट किया कि चीन और अमेरिका साथ मिलकर व्यापार समझौते के आंशिक हिस्सों को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। शी के संबोधन के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने शिकायत की है कि अमेरिका - चीन व्यापार युद्ध से वैश्विक वृद्धि को नुकसान पहुंचेगा।
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उन्होंने उम्मीद जताई है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक समझौते पर पहुंच सकती हैं। यह समझौता उनके साथ - साथ यूरोपीय संघ समेत अन्य व्यापारिक साझेदारों के 'हितों की भी रक्षा' करेगा। मैक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिए बैगर एकतरफा कार्रवाई , शुल्क को हथियार के रूप में उपयोग करने जैसी चीजों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चीन को अपने बाजारों को खोलने में और तेजी लानी चाहिए और इसे पारदर्शी बनाना चाहिए।
चिनफिंग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन समर्थित प्रस्तावित क्षेत्रीय व्यापार समझौते पर जल्द हस्ताक्षर हो सकते हैं। भारत ने सोमवार को आरसीईपी समझौते में नहीं शामिल होने की घोषणा की है। बैंकॉक में बैठक के दौरान , भारत ने चिंता जताई है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते से उसकी अर्थव्यवस्था में सस्ते चीनी उत्पादों की भरमार हो जाएगी। शी ने शंघाई में कहा, "मुझे उम्मीद है कि समझौते पर हस्ताक्षर होंगे और यह जल्द लागू होगा।"