नई दिल्ली : रेलवे ने कुछ समय पूर्व एकीकृत रेलपथ अनुरक्षण की आधुनिकतम प्रौद्योगिकी की शुरूआत करते हुए तीन 09-3एक्स डायनेमिक टैम्पिंग एक्सप्रैस मशीन, एक बैलास्ट क्लीनिंग मशीन और एक प्वाइंट्स और क्रासिंग टैम्पिंग मशीन सहित कुल 5 मशीनों को अपने बेड़े में शामिल किया था। ऐसी उच्च दक्षता वाली तीन और मशीनों को भारतीय रेलवे के मौजूदा 883 रेल पथ अनुरक्षण मशीनों के मौजूदा बेड़े में शामिल किया जा रहा है। इसके साथ 18 लाख रुपए की लागत से ऐसे कोच की तैयार किए गए हैं जिनसे ट्रैक मशीन के कर्मचारियों के अस्थायी आवास की आवश्यकता को भी पूरा किया जा सकता है।
इन मशीनों का उद्घाटन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर रेलवे बोर्ड के सदस्य, इंजीनियरिंग। एम.के. गुप्ता, उत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक, विश्वेश चौबे, रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक/ट्रैक मशीन, ए.के. खंडेलवाल और दिल्ली मण्डल के मंडल रेल प्रबन्धक, आर.एन. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड और उत्तर रेलवे के अनेक वरिष्ठ रेल अधिकारी उपस्थित थे। लगभग 27 करोड़ रुपए प्रत्येक की लागत वाली नई 09-3एक्स डायनेमिक टैम्पिंग एक्सप्रैस एक नवीनतम उच्च आउटपुट वाली एकीकृत टैम्पिंग मशीन है, जिसके विविध फंक्शन हैं, जो अब तक अलग-अलग मशीनों द्वारा किए जाते रहे हैं।
इससे एक अलग स्टेब्लाइजेशन मशीन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी जिससे परिचालन लागत और ट्रैक पोजेशन टाइम में कमी आएगी। यह मशीन रेलगाड़ियों के सुरक्षित आवागमन के लिए ढीली पड़ी पत्थर की गिट्टी को वाइब्रेट एवं काम्पेक्ट करेगी। इन मशीनों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ प्रयासों के तहत आयातित कलपुर्जों के साथ भारत में ही किया गया है।