एक अखबार के मुताबिक, 24 जून 1999 को करीब सुबह 8.45 बजे जब लड़ाई अपने चरम पर थी। उस समय भारतीय वायु सेना के एक जगुआर ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी, और निशाना साधा सीधे पाकिस्तानी सेना के एक अग्रिम ठिकाने। जगुआर के इरादा “लेजर गाइडेड सिस्टम ” से बमबारी करने लिए टारगेट को चिह्नित करना था। उसके पीछे आ रहे दूसरे जगुआर को बमबारी करनी थी, लेकिन दूसरा जगुआर निशाना चूक गया और उसने “लेजर बॉस्केट” से बाहर बम गिराया जिससे पाकिस्तानी ठिकाना बच गया।
खबर के मुताबिक, अगर दूसरा जगुआर सही निशाने पर लगता तो उसमें पाकिस्तान के पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ और मौजूदा पीएम नवाज शरीफ भी वहीं मारे जाते।
खबर के मुताबिक, भारत सरकार के दस्तावेज में कहा गया है कि “24 जून को जगुआर ACALDS ने प्वाइंट 4388 पर निशाना साधा था, इसमें पायलट ने LoC के पार गुलटेरी को लेजर बॉस्केट में चिह्नित किया था लेकिन बम निशाने पर नहीं लगा। “बाद में इस बात की पुष्टि हुई कि हमले के समय पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ उस समय गुलटेरी ठिकाने पर मौजूद थे।” हालांकि, बम गिरानेसे पहले इस बात की कोई भी खबर नहीं थी।
आपको बता दें कि कारगिल की लड़ाई के दौना में गुलटेरी सैन्य ठिकाना पाकिस्तानी सेना को सैन्य साजो-सामान पहुंचाने वाला अग्रिम ठिकाना था। गुलटेरी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी से नौ किलोमीटर अंदर है, ये भारत के द्रास सेक्टर के दूसरी तरफ स्थित है।
एलओसी के पास दौरे पर थे मुशर्रफ
गुलटेरी पाकिस्तानी सेना का अडवांस्ड एडमिनिस्ट्रेटिव बेस है जहां से करगिल युद्ध के दौरान सैनिकों के लिए रसद और असलहे सप्लाई किए जाते थे। ये बेस पाक अधिकृत कश्मीर में द्रास सेक्टर पर भारतीय सीमा से तकरीबन 9 किलोमीटर दूर स्थित है। उस दिन शरीफ मुशर्रफ के साथ पहली बार एलओसी के नजदीक शकमा सेक्टर दौरे के लिए गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक रिटायर्ड एयर मार्शल विनोद पाटने, जो करगिल युद्ध के दौरान एयरफोर्स वेस्टर्न कमांड के कमांडिंग इन चीफ थे, ने बताया कि एयरफोर्स का निशाना मोशको वैली को उड़ाना था जहां पाकिस्तानी सेना के असलहे और सैन्य सामग्रियां रखी गईं थीं। जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट ने टारगेट को निशाने पर ले लिया था, लेकिन दूसरा जगुआर जो उसके ठीक पीछे था उसने भी लेजर गाइडेड बम से टारगेट सेट किया था और हमला करने ही वाला था कि तभी कैप्टन को संदेह हुआ और बम गिराने से रोक दिया गया। वापस आकर वीडियो देखा गया तो पाया कि वह मोशको वैली नहीं बल्कि गुलटेरी बेस था जहां नवाज शरीफ और मुशर्रफ मौजूद थे।
हालांकि एयर मार्शल पाटने ने स्पष्ट किया कि वह उस दौरान इस बात से अवगत नहीं थे कि गुलटेरी में नवाज शरीफ मौजूद थे। वैसे किसी भी परिस्थिति में गुलटेरी पर हमला करना वायुसेना के नियम के खिलाफ था। पाटने इस समय नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के डायरेक्टर जनरल हैं।