जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने एक बयान दिया है। सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीरियों को मौका मिले तो वह किसी के साथ जाने के बजाय आजाद होना चाहेंगे। सोज़ का कहना है कि मुशर्रफ का एक दशक पहले दिया गया ये बयान कई मायनों में ठीक बैठता है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये आजादी मिलना मुमकीन नहीं है। अपने इस बयान के कारण सोज सुर्खियों में आ गए हैं। तो वही, उन्होंने ये भी कहा कि ये मेरा निजी बयान है इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन टूटने को लेकर सोज ने कहा कि 2019 के आम चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने ने यह फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा कि राज्य में घृणा, नफरत और सांप्रदायिक विभाजन करने वाली राजनीति को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को ऐसे नाजुक मोड़ पर एकजुट हो जाना चाहिए। सौज ने एक बयान देते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद मुझे भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के लोग इस तर्क को समझें कि गठबंधन से बाहर निकलने के पीछे मोदी-अमित शाह का दिमाग है।
उन्होंने कहा कि उन्हें घबराहट है कि आगामी 2019 के आम चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी पूरे देश के विपक्ष को एकजुट कर रही है, जो प्रधानमंत्री मोदी के लिए काफी कठिन साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे देश के विपक्ष में राहुल गांधी को लेकर उनकी स्वीकार्यता बन रही है, उससे बीजेपी के वरिष्ठ नेता घबराए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज के वक्त में अगर पीएम मोदी कोई भी फैसला लेते हैं, उसे आगमी चुनावों से जोड़कर देखा जाना चाहिए।
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