राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हरिवंश को आज राज्यसभा का उपसभापति चुन लिया गया। उनके पक्ष में 125 सदस्यों ने मतदान किया जबकि विरोध में 105 मत पड़े। जनता दल यू के बिहार से सदस्य श्री हरिवंश के खिलाफ विपक्ष ने कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया था।
समाजवादी पार्टी की जया बच्चन, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर और द्रमुक की कनिमोझी सहित कुछ अन्य सदस्य मतदान के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट तथा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। दूसरी ओर बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति और शिव सेना तथा असंबद्ध सदस्य अमरसिंह ने श्री हरिवंश के पक्ष में मतदान किया। श्री पी जे कुरियन का जुलाई में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से राज्यसभा के उपसभापति का पद रिक्त था।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति एम। वेंकैया नायडु के जरुरी कागजात पटल पर रखवाने के तुरंत बाद उपसभापति के चुनाव की प्रक्रिया शुरु की। उन्होंने बताया कि उपसभापति के चुनाव के लिए नौ नोटिस मिले हैं। उन्होंने संबंधित सदस्यों से अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रस्ताव पेश करने को कहा। श्री हरिवंश के पक्ष में चार तथा श्री हरिप्रसाद के पक्ष में पांच प्रस्ताव पेश किये गये।
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सबसे पहले जनता दल यू के रामचंद, प्रसाद सिंह ने श्री हरिवंश के पक्ष में प्रस्ताव पेश किया और रिपब्लिकन पार्टी (ए) के सदस्य एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसका समर्थन किया। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद, मिश्रा ने श्री हरिप्रसाद के नाम का प्रस्ताव किया और कांग्रेस के विवेक तन्खा ने इसका समर्थन किया।
राष्ट्रीय जनता दल की मीशा भारती ने श्री हरिप्रसाद के पक्ष में प्रस्ताव रखा जिसका तेलुगू देशम पार्टी के वाई एस चौधरी ने समर्थन किया। इसके अलावा कांग्रेस के आनंद शर्मा ने, समाजवादी पार्टी रामगोपाल यादव तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण ने भी श्री हरिप्रसाद के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया जिनका समर्थन क्रमश: कांग्रेस के भुवनेश्वर कलिता, कांग्रेस के अहमद अशफाक करीम और कांग्रेस के ही जी कुपेंद, रेड्डी ने किया।
श्री हरिवंश के पक्ष में भारतीय जनता पार्टी के अमित शाह, शिवसेना के संजय राउत और शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढिंढसा ने भी प्रस्ताव पेश किये जिनका समर्थन क्रमश:भाजपा के राम विचार नेताम, जद यू की कहकशां परवीन और तथा अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानंत ने किया।
इसके बाद सभापति ने श्री हरिवंश के पक्ष में श्री रामचंद, प्रसाद सिंह द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान कराया। उन्होंने घोषणा की कि मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 125 मत पड़ हैं जबकि विरोध में 105 सदस्यों ने मत दिया है। उन्होंने श्री हरिवंश को निर्वाचित घोषित किया जिसका दोनों ओर के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।
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इसके बाद श्री हरिवंश को सदन के नेता अरुण जेटली, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार एवं राज्य मंत्री विजय गोयल तथा सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद उपसभापति की सीट तक ले गये।
इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र केन्द्र मोदी ने उपसभापति की सीट पर जाकर श्री हरिवंश से हाथ मिलाया और उन्हें निर्वाचित होने की बधाई दी।
निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंककर्मी से पत्रकार और पत्रकार से सांसद बने श्री हरिवंश का प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी, सभापति एम। वेंकैया नायडू, सदन के नेता अरुण जेटली, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आत्राद समेत सदन में सभी दलों के नेताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें एक जनपक्षधर पत्रकार, परिपक्व सांसद, शालीन एवं गरिमामय व्यक्ति तथा हिन्दी प्रेमी बताया।
श्री मोदी ने श्री हरिवंश को प्रतिभावान तथा कलम का धनी बताया। श्री मोदी ने कहा कि हरिवंश बाबू की चार दशक की पत्रकारिता समाजकरण से जुडी थी। वह जनांदोलन के रूप में अ़खबार चलाते थे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यहाँ खिलाड़ अम्पायर को अधिक परेशान करते हैं। नियम से खेलना चुनौतीपूर्ण है।
श्री जेटली ने कहा कि श्री हरिवंश के व्यक्तित्व में गरिमा और बातों में शालीनता होती है। वे व्यक्तिगत प्रहार नहीं करते और सदन को बाधित नहीं करते वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मानदंडों के हिसाब से चलते हैं। उन्होंने कहा कि श्री हरिवंश के उपसभापति बनने से पद की गरिमा बनी रहेगी और सदन की कार्यवाही बेहतर होगी तथा बहस का स्तर बढ़गा।
इससे पहले श्री आत्राद ने श्री हरिवंश को बधाई देते हुए कहा कि श्री हरिवंश को कुछ दलों का समर्थन मिला लेकिन उपसभापति चुन लिए जाने के बाद वह कुछ दलों के नहीं सबके उपसभापति हैं। सत्ता पक्ष को उनके साथ की जरुरत कम होती है पर विपक्ष को उनके सहयोग की अधिक आवश्यकता होती है।