भारतीय क्रिकेट टीम ऋषभ पंत को जब लगातार अपना शानदार प्रदर्शन देने के बावजूद विश्वकप के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं मिल सकी तो सब काफी शॉक थे। ऋषभ पंत का विश्वकप के लिए चयन नहीं होने पर कई सारे पूर्व खिलाडिय़ों और क्रिकेट जगत के तमाम जानकारों ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की।
इतना सब कुछ होने के बाद भी ऋषभ पंत की परिपक्वता को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एक चयनकर्ता ने सवाल उठा दिए थे। अक्सर ऋषभ पंत के लिए ऐसा कहा जाता है कि वो तेज खेलते हैं। लेकिन क्रीज पर आखिरी तक रुकने के बाद भी वो मैच नहीं जितवा पाते हैं। वहीं इस बात को स्वीकार करते हुए ऋषभ पंत ने कहा कि कोई भी चीज एक रात में नहीं बदल पाती है। समय रहते मुझमें भी परिपक्वता आ जाएगी।
मैं सिर्फ 21 साल का…
ऋषभ पंत ने आगे कहा कि मैं किसी भी आलोचना को सकारात्मक रूप में लेता हूं। मुझे मालूम है कि मैच में आखिर तक रहकर टीम को जीत दिलाना काफी जरूरी होता है,लेकिन मैं अभी सीखने की प्रक्रिया से गुजर रहा हूं। यह मैं कर संकू इसकी मेरी ओर से पूरी कोशिश जारी है। लोग गलती करके और अपने अनुभवों द्घारा ही सीख लेते हैं। तभी वह अपने जीवन में आगे जाकर कामयाब हो पाते हैं।
कोई भी चीज एक रात में नहीं बदल सकती है। मैं अभी केवल 21 साल का ही हूं। यह काफी मुश्किल है कि मैं 30 साल के व्यक्ति की तरह सोच सकूं । जबकि इसका प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी है,लेकिन कुछ चीजें समय के साथ ही हो पाती हैं। समय के साथ इंसान में परिपक्वता भी आती है। इसके लिए मुझे थोड़ा वक्त देना होगा।
जब सवाल किया गया नैचुरल टैलेंट पर..
ऋषभ पंत से जब उनके नैचुरल टैलेंट के बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि यह बातें सुनने में बहुत अच्छी लगती है लेकिन मुझे इसके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है कि आखिर में नैचुरल टैलेंट होता क्या हैं। इसके साथ मुझे ये भी नहीं मालूम कि इसे कड़ी मेहनत के साथ किस तरह से जोड़ा जा सकता है।
मुझे बस इतना पता है कि यदि मुझे कुछ अच्छा करना और उच्चस्तरीय क्रिकेट खेलना है तो उसके लिए केवल मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी। ऐसे किए बिना यह संभव नहीं हो पाएगा। मुझे हमेशा खुद पर ध्यान लगाने की बात बताई गई है,नाकि दूसरों की।