नई दिल्ली : पूर्व केद्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनता को गुमराह कर रही है। दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है। अस्पतालों में ठेकेदारी प्रथा लाकर गरीबों के साथ अन्याय किया जा रहा है। माकन ने कहा कि इस हालात में कांग्रेस को सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की जरूरत है। माकन शुक्रवार को किराड़ी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के सामने पूंठ खुर्द में आयोजित धरने को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर किराड़ी जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार, एआईसीसी सदस्य चतर सिंह, आदर्श नगर जिला कांग्रेस अध्यक्ष हरी किशन जिंदल आदि उपस्थित थे। माकन ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि दिल्ली की आप सरकार स्वास्थ्य के मद के पैसे खर्च नहीं कर पा रही है। माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 40-40 हजार रुपए रिश्वत लेकर नौकरी दी जा रही है।
यह नौकरी भी ठेकेदारों के अंदर मां-बहन और बेटियों को मिल रही है। इससे बड़ा भ्रष्टाचार और कोई कुछ नहीं हो सकता। कांग्रेस को इस प्रकार की नकारेपन को जनता के सामने लाने की जरूरत है। माकन ने कहा कि आज दिल्ली के अस्पतालों में दवाईयों की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है।
‘9वीं में फेल कर 10वीं का रिजल्ट बेहतर करने की साजिश’
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही शिक्षा के स्तर पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस ने आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि 2009-10 जहां दिल्ली के सरकारी स्कूलों का परिणाम 92 प्रतिशत था वहीं 2019 में यह 71 प्रतिशत पर पहुंच गया। यानी की 10वीं में बच्चों के परिणाम में 21 प्रतिशत रह गया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के पूर्व महासचिव डा. नरेश कुमार ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने एक भी नया स्कूल नहीं बनाया, सभी शीला सरकार के दौरान के ही आवंटित और स्वीकृत थे, उसे ही पूरा किया? शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में डा. नरेश ने केजरीवाल सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार 10वीं का रिजल्ट बेहतर करने के लिए 9वीं में ही बच्चो को फेल करने का नया तरीका निकाला है ताकी 10वीं कक्षा में रिजल्ट अच्छा हो सके।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने से बेहतर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया है। 2016-17 में जहां सरकारी स्कूलों में 15 लाख 27 हजार बच्चे पढ़ रहे थे वहीं 2019 में घट कर 14 लाख 98 हजार रह गए।
दूसरी तरफ 2014-15 में जहां 14.70 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे वहीं 2018-19 यह बढ़ कर 16.55 लाख बच्चे हो गए। कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों की बजाय प्राईवेट में बच्चे ज्यादा जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही कांग्रेस दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।