कोरोना महामारी के बीच शुक्रवार देर शाम करीब 7 बजे राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर रीजन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई है। बता दें कि भूकंप का केंद्र राजस्थान के अलवर में था। भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए थे। बीते कुछ दिनों से दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कई बार भूकंप के झटेक महसूस किए गए हैं।
बता दें कि, इससे पहले गुरुवार को लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.5 मापी गई। जिसका केंद्र करगिल से 119 किमी दूर नॉर्थवेस्ट में रहा था। वहीं, लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए जाने के कुछ ही देर बाद जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 मापी गई थी।
वहीं, जुलाई की एक तारीख को जम्मू-कश्मीर में एक ही दिन में दो दफे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 रही थी। भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ रहा था। ऐसे में पिछले 3-4 दिनों के अंकर देश के अलग-अलग हिस्सों में रोज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में इससे पहले 29 जून को नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र दक्षिण-पूर्व नोएडा में था। तो इससे पहले 29 मई को दिल्ली और इससे सटे इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.6 मापी गई। वहीं, इससे एक दिन पहले यानी 28 मई को भी राजधानी दिल्ली में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 2.5 थी।
वहीं, इससे पहले दिल्ली में 15 मई को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे हालांकि, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.2 थी। तो इससे पहले 10 मई को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 मापी गई थी। तो वहीं, अप्रैल में 12 और 13 तारीख को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 12 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई थी और 13 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 2.7 आंकी गई थी।